क्या राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के पैटर्न को उजागर किया?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने वोट चोरी के आरोप लगाए हैं।
- चुनाव आयोग पर सवाल उठाए गए हैं।
- पप्पू यादव ने महागठबंधन की एकता पर जोर दिया।
- धीरेंद्र शास्त्री पर तीखे प्रहार किए गए।
- संपूर्ण मुद्दा लोकतंत्र की नींव को प्रभावित करता है।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों का पूर्णिया से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' के विभिन्न पैटर्न निर्धारित किए हैं, जिन्हें राहुल गांधी ने उजागर किया है।
पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राहुल गांधी संविधान की रक्षा और आम आदमी के वोट के अधिकार के लिए आवाज उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। मैं पूछता हूं कि इसके पीछे कौन है और क्यों इतनी बड़ी संख्या में वोट काटे जा रहे हैं? मुद्दा यह है कि चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' के विभिन्न पैटर्न तय किए हैं, जिन्हें राहुल गांधी ने उजागर करने का कार्य किया है।"
पप्पू यादव ने चुनाव आयोग को भाजपा-आरएसएस का एजेंट बताते हुए कहा, "चुनाव आयोग प्रो-भाजपा और आरएसएस है। वे एंटी-संविधान, एंटी-दलित, एंटी-ओबीसी और एंटी-नेशन हैं। ऐसे लोगों को इस पद पर नहीं रहना चाहिए।"
सांसद ने महागठबंधन की एकता पर जोर देते हुए कहा, "सबकी अपनी-अपनी पार्टी है और कांग्रेस का अपना तरीका है। हमारी पांच गारंटी हैं और इसके लिए बैठकें हो रही हैं। लोगों को जो काम चाहिए, हम उस पर काम कर रहे हैं। हर पार्टी का मेनिफेस्टो कोई और तैयार नहीं कर सकता। राहुल गांधी के नेतृत्व में 'वोट अधिकार यात्रा' निकाली गई और इस दौरान आम लोगों का भरपूर समर्थन भी मिला है।"
पप्पू यादव ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोलते हुए कहा, "धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोग मार्केटिंग के लिए सरकार प्रायोजित काम करते हैं। उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। ये मूर्ख टाइप के लोग हैं, जिनका ज्ञान से लेना-देना नहीं है। भारत की संस्कृति का पता नहीं है। इनकी बातों को लोग हल्के में लेते हैं और ऐसे लोगों को नेपाल और पाकिस्तान भेज देना चाहिए।"