क्या 'वोटर अधिकार यात्रा' वोट नहीं, संविधान की रक्षा की लड़ाई है? : राहुल गांधी

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की।
- यह यात्रा संविधान की रक्षा की दिशा में है।
- बिहार के लोग वोटों की चोरी नहीं सहन करेंगे।
- चुनाव आयोग पर सवाल उठाए गए हैं।
- जातीय जनगणना को लेकर राहुल गांधी ने अपने विचार रखे।
सासाराम, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार को बिहार में 'वोटर अधिकार यात्रा' की शुरुआत की। एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल वोट के लिए नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता वोटों की चोरी नहीं होने देगी। इस अवसर पर राजद के अध्यक्ष लालू यादव सहित महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेता उपस्थित रहे।
राहुल गांधी ने सभा में कहा कि यह संविधान की सुरक्षा की लड़ाई है। देशभर में भाजपा और आरएसएस संविधान को समाप्त करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी चुनाव होते हैं, ये लोग जीत जाते हैं। महाराष्ट्र के चुनाव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सभी ओपिनियन पोल कहते थे कि इंडी गठबंधन जीतने वाला है, लेकिन लोकसभा में महागठबंधन जीतता है और चार महीने में हार जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब कार्रवाई हुई तो पता चला कि चुनाव आयोग ने एक करोड़ नए वोटरों का जादू पैदा किया। उन्होंने कहा कि हमें उतना ही वोट मिला, लेकिन जितने नए वोटर बने, वे सभी भाजपा गठबंधन को मिले। इस दौरान उन्होंने कर्नाटक चुनाव का भी जिक्र किया।
राहुल गांधी ने कहा, "जब मैंने 'वोट चोरी' पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो चुनाव आयोग ने मुझसे एफिडेविट मांगा। चुनाव आयोग कहता है, 'आप एफिडेविट दें कि आपका डेटा सही है।' यह डेटा तो चुनाव आयोग का है, मुझसे एफिडेविट क्यों मांगा जा रहा है?"
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वोटों की चोरी नहीं होने देगी, क्योंकि गरीब और कमजोर लोगों के पास केवल वोट का अधिकार है। आयोग जो कर रहा है, वह सबको ज्ञात है। हम चुनाव आयोग को यह नहीं करने देंगे।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एनडीए अरबपतियों के साथ मिलकर शासन कर रहा है। आप वोट डालते हैं, आपका वोट चोरी किया जाता है और आपका सारा धन 5-6 अरबपतियों को दे दिया जाता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर चर्चा करते हुए कहा कि दबाव में आकर उन्होंने जातीय जनगणना करवाने की घोषणा की है, लेकिन वे 50 प्रतिशत आरक्षण की दीवार नहीं तोड़ना चाहते। उन्होंने कहा कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो जातीय जनगणना भी कराएंगे और 50 प्रतिशत आरक्षण का बैरियर भी समाप्त करेंगे। यही नहीं, हम वोटों की चोरी भी नहीं होने देंगे।