क्या रायगढ़ में मराठा समाज ने मनाया जश्न, गूंजे 'एक मराठा, लाख मराठा' के नारे?

सारांश
Key Takeaways
- महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय को आरक्षण की घोषणा।
- राज्यभर में जश्न का माहौल।
- रोहा में मराठा समाज की एकता का प्रदर्शन।
- आरक्षण प्रक्रिया में स्पष्टता और तेजी
- सामाजिक विविधता का सम्मान।
रायगढ़, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय को आरक्षण देने की ऐतिहासिक घोषणा के बाद पूरे राज्य में खुशी का माहौल देखा जा रहा है। इसी संदर्भ में, रायगढ़ जिले के रोहा शहर में मराठा समाज के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक जश्न मनाया।
इस अवसर पर ढोल की थाप और एकता का संदेश देने वाले नारे गूंजने लगे। पूरा वातावरण 'एक मराठा, लाख मराठा' के नारों से गूंज उठा। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सभी के चेहरे पर खुशी और गर्व साफ झलक रहा था।
रोहा में मराठा समाज के नागरिकों ने पटाखे फोड़कर और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। लोग एक-दूसरे को मिठाइयां खिला रहे थे।
इस ऐतिहासिक पल को अविस्मरणीय बनाने के लिए कई स्थानों पर रंगोलियां सजाई गईं और युवाओं ने ढोल-ताशों की धुन पर नृत्य किया।
इस मौके पर मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल को भी आभार व्यक्त किया गया, जिन्होंने लंबे संघर्ष के बाद सरकार को यह निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा आरक्षण पर अंतिम निर्णय की घोषणा के बाद से महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों में मराठा समाज में जश्न का माहौल है। रायगढ़ में इसे गर्व और न्याय की जीत बताया जा रहा है।
बता दें कि मंगलवार को मराठा समुदाय के लिए लंबे समय से चल रही आरक्षण और प्रमाणपत्र प्रक्रिया पर महाराष्ट्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया। सरकार ने एक नया शासन निर्णय (जीआर) जारी किया है, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र व्यक्तियों को 'कुणबी', 'मराठा-कुणबी', या 'कुणबी-मराठा' के रूप में जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए स्पष्ट प्रक्रिया तय की गई है।
यह निर्णय मराठा समाज को न केवल प्रशासनिक राहत प्रदान करेगा, बल्कि प्रमाणपत्र जारी करने में पारदर्शिता और तेजी भी लाएगा।
इस निर्णय के पीछे मराठवाड़ा क्षेत्र की ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को महत्वपूर्ण आधार माना गया है। इस क्षेत्र ने हमेशा सामाजिक विविधता को अपनाया है।