क्या राज ठाकरे ने निशिकांत दुबे के बयान पर आक्रामक प्रतिक्रिया दी?

सारांश
Key Takeaways
- राज ठाकरे का आक्रामक बयान मराठी लोगों के प्रति सम्मान की भावना को दर्शाता है।
- भाषा विवाद में सभी पक्षों को संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।
- राज ठाकरे ने हिंदी को अनिवार्य करने के प्रयासों की आलोचना की।
- महाराष्ट्र की संस्कृति की रक्षा के लिए मराठी बोलने पर जोर दिया।
- भाषाई भेदभाव के खिलाफ ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।
मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम हिंदी’ विवाद ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
राज ठाकरे ने कहा, "एक भाजपा सांसद ने कहा था कि हम मराठी लोगों को यहाँ पटक-पटक कर मारेंगे। मैं दुबे से कहता हूँ, तुम मुंबई आकर देखो, मुंबई के समंदर में डुबो-डुबोकर मारेंगे।"
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने यहाँ मराठी का अपमान किया, तो उसके गाल और हमारे हाथ की ‘युति’ जरूर होगी।
राज ठाकरे ने आगे कहा, "मुंबई के मीरा रोड में जो कुछ हुआ, वह सही था। उसे महाराष्ट्र स्टाइल में जवाब दिया गया। अगर तुम यहाँ रह रहे हो, तो शांति से रहो और मराठी सीखो। हमारा तुमसे कोई झगड़ा नहीं है, लेकिन अगर मस्ती करोगे, तो महाराष्ट्र स्टाइल में समझा देंगे।"
राज ठाकरे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अब जाकर सरकार को समझ आया है। उन्होंने कहा, "पहली से पांचवीं तक हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश करो। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हिंदी के लिए झगड़ रहे हैं। सभी स्कूलों में मराठी अनिवार्य होनी चाहिए, लेकिन ये लोग सब छोड़कर हिंदी को अनिवार्य कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि कुछ गुजराती नेताओं और व्यापारियों का प्लान था कि मुंबई और महाराष्ट्र में भेदभाव उत्पन्न किया जाए। सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि मुंबई और महाराष्ट्र को अलग मत करो। कई सालों से इनकी नजर मुंबई पर है। यह सबने देख लिया कि अगर हिंदी थोपी गई, तो महाराष्ट्र कैसे विरोध करेगा।
मनसे सुप्रीमो ने कहा कि 28 सितंबर 2018 को गुजरात के हिम्मतनगर में 14 महीने की बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था। उसके बाद बिहार के लोगों के साथ मारपीट की गई। दूसरे राज्यों में लोगों को मारेंगे, पीटेंगे, और यहाँ अगर किसी दुकानदार को थप्पड़ पड़ गया, तो वह नेशनल हेडलाइन बन जाती है। मराठी भाषा का ढाई से तीन हजार साल का इतिहास है।
उन्होंने कहा कि हमने पीएम मोदी से कहा था कि वह मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दें। इसके लिए कम से कम 1500 साल का इतिहास चाहिए। हिंदी को अभिजात भाषा का दर्जा मिलने में अभी और भी समय लगेगा। हिंदी एक 200 साल पुरानी भाषा है।
राज ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र में जितने भी नेता हैं, उन सबसे अच्छी हिंदी मेरी है। मैं यहाँ कोई भाषा विवाद करने नहीं आया हूँ। सतर्क रहिए, आपके साथ कुछ भी हो सकता है। मैं हिंदू हूँ, लेकिन हिंदी मुझ पर थोपी नहीं जा सकती। इस प्रांत पर किसी का अधिकार है, तो वह हमारा है।"
उन्होंने कहा कि आपकी सरकार लोकसभा और विधानसभा में रहेगी, लेकिन हमारी सरकार रास्ते पर रहेगी। अगर किसी ने मराठी भाषा की इज्जत नहीं की, तो हम उसके गाल और हाथ दोनों लाल कर देंगे। यहाँ जो गैर मराठी लोग रहते हैं, उन्हें यही सलाह दूंगा कि जल्द से जल्द मराठी बोलना सीख लें। आप कहीं भी जाएं, चाहे रिक्शा हो, ऑफिस हो या दुकान, हमेशा मराठी में ही बात करें।