क्या राजद का मतलब 'रंगदारी, जंगलराज और दादागीरी' है? : जेपी नड्डा

सारांश
Key Takeaways
- राजद का अर्थ विनाश है।
- एनडीए ने विकास के मुद्दे को उठाया है।
- बिहार की जनता एनडीए का समर्थन कर रही है।
- पिछले 10 वर्षों में रेल बजट में 10 गुना वृद्धि हुई है।
- महिला सशक्तीकरण पर नीतीश कुमार का योगदान महत्वपूर्ण है।
औरंगाबाद, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अब प्रचार अभियान तेज़ी पकड़ रहा है। एनडीए के समर्थन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी गुरुवार को चुनाव प्रचार में शामिल हुए। उन्होंने औरंगाबाद के गोह में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राजद के शासनकाल पर तीखे हमले किए।
उन्होंने कहा कि राजद के अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव ने अपने कुशासन पर एक शब्द भी नहीं कहा और न ही अपने गुंडाराज के लिए जनता से माफी मांगी।
उन्होंने राजद द्वारा बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट देने का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्पष्ट दर्शाता है कि राजद बिहार में गुंडाराज स्थापित करना चाहता है। राजद का अर्थ रंगदारी, जंगलराज और दादागीरी है। राजद का मतलब विनाश है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने एनडीए की सरकार बनाने का निश्चय कर लिया है। इस चुनाव में यह स्पष्ट है कि विकास एनडीए के साथ और विनाश राजद के साथ है। आज बिहार प्रगति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। एनडीए सरकार के दौरान सड़क, रेल, बिजली और हर क्षेत्र में विकास को सभी ने देखा है। पिछले 10 वर्षों में बिहार के लिए रेल बजट 10 गुना बढ़ा दिया गया है। 26 वंदे भारत ट्रेनें बिहार से संचालित हो रही हैं। इसी प्रकार, अमृत भारत ट्रेन से लेकर रेलवे स्टेशन के नए निर्माण और पुनर्निर्माण तक, यहां बहुत कुछ हुआ है। दीपावली और छठ पर्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी के आशीर्वाद से भारत सरकार द्वारा 12 हजार ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि बिहार ने 20 वर्षों में प्रगति देखी है। आज बिहार तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है, यह बिहार के लोग भी देख रहे हैं।
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज वे पलायन की बात करते हैं, लेकिन उन्हें अपने पिता लालू यादव से पूछना चाहिए जिन्होंने कहा था कि बिहार के लोग अंगोछा पहनकर बाहर जाते हैं और पैंट-शर्ट पहनकर लौटते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग नौकरी के लिए जमीन ले लेते हैं, क्या वे आपको नौकरी देंगे? जो लोग मां-बहनों की इज्जत नहीं कर सकते, वे आपको सुरक्षा कैसे देंगे? ऐसे लोग कभी नौकरी और सुरक्षा नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव विकास और विनाश के बीच का है। मखाना और लीची पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए जीएसटी घटा दिया गया है। किसान की आमदनी बढ़ाने की चिंता एनडीए सरकार ने की है, यह समझना आवश्यक है। उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में काफी काम किया है।