क्या राजस्थान में कांग्रेस ने वोट काटने के आरोप लगाए हैं? प्रशासन का क्या जवाब है?
सारांश
Key Takeaways
- विशेष गहन पुनरीक्षण का विवाद कांग्रेस और प्रशासन के बीच है।
- कांग्रेस ने वोटर लिस्ट से नाम काटने का आरोप लगाया है।
- प्रशासन ने इस पर फैक्ट चेक किया है।
- गणना प्रपत्र भरने की प्रक्रिया 4 दिसंबर तक चलेगी।
- 9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी।
जयपुर, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस और जिला प्रशासन के बीच टकराव हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मतदाता सूची से सुनियोजित तरीके से लोगों के वोट काटे जा रहे हैं। इस पर जयपुर प्रशासन ने बुधवार को फैक्ट चेक कर स्पष्ट जवाब दिया।
कांग्रेस ने मंगलवार की शाम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा करते हुए गंभीर आरोप लगाया कि जयपुर में बीएलओ बिना घर गए और बिना फॉर्म दिए ही पूरे परिवार को वोटर लिस्ट से गायब कर दिया जा रहा है। पार्टी ने इसे 'संविधान पर हमला' करार देते हुए लिखा, "एसआईआर का खेल चल रहा है। टारगेट करके नाम काटे जा रहे हैं। कारण पूछा तो झूठ बोला जा रहा है। वोट का अधिकार छीनना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
कांग्रेस के इस पोस्ट पर जयपुर के जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट ने चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने तुरंत फैक्ट चेक करते हुए कई बिंदुओं में पूरी प्रक्रिया स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, "गणना प्रपत्र (फॉर्म) भरने की प्रक्रिया अभी 4 दिसंबर तक चलेगी, यह अंतिम तिथि नहीं है। कई घरों में बीएलओ दो बार विजिट कर चुके हैं, लेकिन लोग अनुपस्थित मिले। अभी तीसरी विजिट बाकी है। अंतिम विजिट में अगर मतदाता मिल जाते हैं तो मौके पर ही फॉर्म भरवा लिए जाएंगे।"
उन्होंने बताया, "9 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक किसी का भी नाम जोड़ने-हटाने के लिए ईआरओ के सामने सुनवाई होगी और नोटिस देकर मौका दिया जाएगा। सभी मतदाताओं के लिए गणना प्रपत्र ऑनलाइन भरकर जमा करवाने का विकल्प खुला है।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी तक किसी का भी नाम अंतिम रूप से नहीं काटा गया है और न ही कोई वोटर लिस्ट से बाहर हुआ है। यह केवल प्रारंभिक सर्वेक्षण की प्रक्रिया है।