क्या राजस्थान की धरती पर ‘अजेय वारियर’ सैन्य अभ्यास में भारतीय और ब्रिटिश जवान शामिल हुए?

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क्या राजस्थान की धरती पर ‘अजेय वारियर’ सैन्य अभ्यास में भारतीय और ब्रिटिश जवान शामिल हुए?

सारांश

भारत और ब्रिटेन के बीच 'अजेय वारियर 2025' सैन्य अभ्यास की शुरुआत हुई। यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया जा रहा है, जहां दोनों देशों के जवान आतंकवाद-रोधी अभियानों का अनुभव प्राप्त करेंगे। इस द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य सामरिक सहयोग को बढ़ाना है।

Key Takeaways

  • अजेय वारियर 2025 भारत और ब्रिटेन के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ाने का प्रयास है।
  • इस अभ्यास में 240 सैनिक भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न गतिविधियों में शामिल होंगे।
  • यह अभ्यास आतंकवाद-रोधी अभियानों में संयुक्त अनुभव प्रदान करेगा।
  • सैनिकों को आधुनिक युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान करेगा।

नई दिल्ली, १७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और ब्रिटेन के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अजेय वारियर 2025’ का शुभारंभ सोमवार को हुआ। यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के फॉरेन ट्रेनिंग नोड में चल रहा है। दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला यह द्विपक्षीय अभ्यास १७ से ३० नवंबर तक जारी रहेगा। यह सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते स्ट्रैटेजिक विश्वास का प्रतीक है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष के अभ्यास में कुल २४० सैनिक भाग ले रहे हैं, जिनमें भारतीय और ब्रिटिश सेनाओं का समान प्रतिनिधित्व है। भारत की ओर से सिख रेजिमेंट के प्रतिष्ठित जवान भाग ले रहे हैं, जो अपनी वीरता, अनुशासन और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं। ब्रिटिश सेना के चयनित सैनिकों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण का उद्देश्य इंटरऑपरेबिलिटी को और अधिक सुदृढ़ करना है। इस सैन्य अभ्यास को संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत डिजाइन किया गया है। इसके अंतर्गत दोनों देशों के सैनिक अर्ध-शहरी और जटिल इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों का वास्तविक अनुभव प्राप्त करेंगे।

दोनों देशों के सैनिकों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। ये मॉड्यूल आधुनिक युद्धक्षेत्र की चुनौतियों को वास्तविक रूप में प्रस्तुत करेंगे। दोनों सेनाएं आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग लेंगी, जिनमें ब्रिगेड-स्तरीय संयुक्त मिशन योजना, इंटीग्रेटेड टैक्टिकल ड्रिल्स और सिमुलेशन आधारित परिचालन परिदृश्य शामिल हैं। यहां कंपनी-स्तरीय फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास और अर्ध-शहरी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों का अभ्यास भी किया जाएगा।

ये सभी गतिविधियां वास्तविक परिस्थितियों का अनुकरण करती हैं ताकि सैनिकों को जमीन स्तर पर आने वाली संभावित चुनौतियों से निपटने में दक्षता प्राप्त हो सके। अजेय वारियर अभ्यास का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है। इसमें ऑपरेशनल प्लानिंग, संचार, समन्वय, और हथियार प्रणालियों का उपयोग शामिल है। यह सहयोग न केवल सैनिकों की टैक्टिकल क्षमता बढ़ाता है, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक तालमेल को भी मजबूत करता है।

२०११ में प्रारंभ हुआ अजेय वारियर अभ्यास आज दोनों सेनाओं के बीच फ्लैगशिप संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम का दर्जा प्राप्त कर चुका है। इसे प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित किया जाता है और यह भारत तथा ब्रिटेन के दीर्घकालिक रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करता है। वर्ष २०२५ का संस्करण विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दोनों देशों की पेशेवर उत्कृष्टता, सहयोग की भावना, और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति एवं स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करता है।

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता में भी योगदान देगा।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

अजेय वारियर अभ्यास कब शुरू हुआ?
अजेय वारियर अभ्यास 2011 में प्रारंभ हुआ।
इस अभ्यास में कितने सैनिक भाग ले रहे हैं?
इस वर्ष के अभ्यास में कुल 240 सैनिक भाग ले रहे हैं।
यह अभ्यास कब तक चलेगा?
यह अभ्यास 17 से 30 नवंबर तक जारी रहेगा।
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ाना है।
इस अभ्यास का स्थान क्या है?
यह अभ्यास राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहा है।
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