क्या राजस्थान में कफ सिरप के कारण हुईं मौतें?

सारांश
Key Takeaways
- कफ सिरप से मौतें नहीं हुई हैं।
- दवा की चार बार जांच की गई है।
- राजस्थान सरकार नए सिरे से जांच करवा रही है।
- ड्रग कंट्रोलर ने भी दवा की जांच की है।
- मंत्री ने स्पष्ट किया कि आरोप गलत हैं।
जोधपुर, ४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर शनिवार को जोधपुर स्थित सर्किट हाउस पहुंचे। यहां पर कफ सिरप मामले में चल रहे विवाद को लेकर उन्होंने जानकारी दी। हालांकि इस पूरे मुद्दे पर वह खुलकर नहीं बोले और पत्रकार के सवाल पूछने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस से उठकर चले गए।
मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने कहा कि प्रदेश में कफ सिरप की वजह से मौतें नहीं हुई हैं। हमने कमेटी बैठाकर इस मामले की जांच करवाई है और जांच में भी ऐसा कुछ सामने नहीं आया। एक बार फिर कमेटी बनाकर जांच करवाई जा रही है।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर और दवा खरीदने वाली कंपनी आरएमएससीएल ने मिलकर दवा की दो जांचें की हैं। जांच में कोई जानलेवा पदार्थ नहीं मिला है। इसके अलावा दवा की मैन्युफैक्चरिंग के समय भी कंपनी खुद दवा की जांच करती है। इसके बाद स्टोर में आने पर भी दवा की जांच की जाती है। दवा की चार बार जांच हो चुकी है। एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि दवाई की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। इसके अलावा सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल समेत किसी भी अस्पताल में हमारे डॉक्टरों द्वारा लिखी गई इस दवाई की वजह से कोई मौत नहीं हुई है।
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि मौत के बाद जो दावा किया जा रहा है कि ऐसा सिरप की वजह से हुआ है, वह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि हमने कफ सिरप के फॉर्मूले की जांच करवाई है। जांच में सामने आया है कि मौत का कारण कफ सिरप नहीं है।
बता दें कि इस दवा के फार्मूले को केंद्र सरकार ने शनिवार को कुछ घंटे पहले बैन किया है। इस मुद्दे पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी इसकी जांच करवाएगी। राजस्थान के कई अस्पतालों में दिए जा रहे इस सिरप के सवाल पर उन्होंने कार्रवाई करने की बात कही।