क्या राजस्थान एसआई भर्ती घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने देवेश और शोभा राईका को जमानत दी?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने देवेश और शोभा राईका को जमानत दी।
- राजस्थान हाईकोर्ट ने भर्ती को रद्द किया।
- परीक्षा में डमी उम्मीदवारों का मामला सामने आया।
- राज्य सरकार ने जांच की जिम्मेदारी एसओजी को दी।
- इस मामले ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाया।
नई दिल्ली, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा २०२१ के चर्चित पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका के बेटे देवेश राईका और बेटी शोभा राईका को जमानत दे दी है।
उन्हें आरोपित किया गया था कि उन्होंने परीक्षा में अवैध तरीके से बेहतर रैंक प्राप्त की थी। शोभा राईका ने भर्ती में ५वीं और देवेश राईका ने ४०वीं रैंक हासिल की थी।
इससे पहले, राजस्थान हाईकोर्ट ने १९ मई को दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का सहारा लिया। सुप्रीम कोर्ट ने पहले उन्हें फौरी राहत प्रदान करते हुए शोभा को २ जून और देवेश को ५ जून को अंतरिम जमानत दी थी। अब कोर्ट ने इस अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में परिवर्तित कर दिया है।
यह ध्यान देने योग्य है कि इस मामले में एसओजी ने राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) से देवेश और शोभा को गिरफ्तार किया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दोनों ने गलत तरीके से परीक्षा उत्तीर्ण की थी। इसके तुरंत बाद, एसओजी ने उनके पिता रामूराम राईका को भी गिरफ्तार किया। रामूराम राईका को २०१८ में वसुंधरा राजे सरकार द्वारा आरपीएससी का सदस्य नियुक्त किया गया था और वह जुलाई २०२२ तक इस पद पर रहे।
सूचना के अनुसार, राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा २०२१ में ८५९ पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन परीक्षा के बाद लगातार डमी उम्मीदवारों, पेपर लीक और बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के आरोप सामने आए। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने जांच की जिम्मेदारी एसओजी को सौंपी। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों को शामिल किया गया था और संगठित तरीके से धांधली हुई थी। इससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया। राजस्थान हाईकोर्ट ने २८ अगस्त २०२५ को इस भर्ती को पूरी तरह से रद्द कर दिया।