क्या राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा रद्द मामले में जोगाराम पटेल ने अभ्यर्थियों से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- एसआई भर्ती परीक्षा का रद्द होना राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
- कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने गहन अध्ययन की बात की है।
- कोर्ट के निर्णय का पालन करने की आवश्यकता है।
- भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी है।
- अभ्यर्थियों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
जोधपुर, 30 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में इन दिनों एसआई भर्ती परीक्षा (2021) के रद्द होने के कारण राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शनिवार को जोधपुर पहुंचे कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कुछ अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने यह कहा कि फिलहाल सरकार इस निर्णय का गहन अध्ययन कर रही है और इसी के आधार पर आगे कोई कदम उठाया जाएगा।
मीडिया से बातचीत में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, "न्यायालय का निर्णय सर्वमान्य है। अभ्यर्थियों ने अपना पक्ष रखा है, और अब हम कोर्ट के फैसले का गहन अध्ययन कर रहे हैं। 200 पृष्ठों के कोर्ट के फैसले में कई अवलोकन हैं। विधि के अनुसार पुनर्परीक्षण होगा और उसी आधार पर आरपीएससी को सिफारिश भेजी जाएगी।"
उन्होंने एसआई भर्ती रद्द होने और सैलरी वापसी के सवाल पर कहा, "न्यायालय ने भर्ती को पूरी तरह से रद्द नहीं किया है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह इस मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) को भेजे। विधि विभाग और महाधिवक्ता इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। जांच और परीक्षण के बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।"
भर्ती प्रक्रिया में हुए 200 करोड़ रुपए के खर्च की वसूली और आरपीएससी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पटेल ने कहा, "इस राशि की जिम्मेदारी का निर्धारण विधि परीक्षण के बाद ही होगा। आरपीएससी एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है। कोर्ट के अवलोकन के आधार पर अगर आरपीएससी की संलिप्तता पाई गई, तो यह एक गंभीर मामला है।"
उन्होंने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "उन्हें यह विचार करना चाहिए कि नियुक्तियां देते समय बेरोजगार नौजवानों के हितों का कितना ध्यान रखा गया। समुद्र में बड़े मगरमच्छ और मछलियां हैं। जांच सही दिशा में जा रही है, जल्द सब सामने आएगा। इस मामले में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई और जांच के आधार पर सरकार अगले कदम उठाएगी। जांच सही दिशा में चल रही है।"