क्या पंजाबी सिंगर राजवीर जवंदा का निधन हमें गहरे सदमे में डाल देता है?

सारांश
Key Takeaways
- राजवीर जवंदा ने पंजाबी संगीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- उनका निधन प्रशंसकों के लिए एक बड़ा सदमा है।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- सोशल मीडिया पर कई हस्तियों ने शोक व्यक्त किया।
- उनका अंतिम संस्कार ९ अक्टूबर को होगा।
मोहाली, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के प्रसिद्ध गायक राजवीर जवंदा का बुधवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। इस दुखद समाचार ने पूरे देश, विशेषकर पंजाब में शोक की लहर फैला दी है। लाखों प्रशंसक इस सदमे में हैं। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित कई हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपने दुख का इजहार किया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "प्रसिद्ध पंजाबी गायक राजवीर जवंदा की हिमाचल प्रदेश के बद्दी में हुए भयानक सड़क हादसे के बाद अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु की खबर सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। पंजाबी संगीत जगत का यह सितारा अब हमेशा के लिए लुप्त हो गया। छोटी उम्र में अपने गीतों के जरिए लोगों के दिलों पर राज करने वाले राजवीर की आवाज हमेशा गूंजती रहेगी। वाहेगुरु उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और उनके परिवार व प्रशंसकों को इस दुख को सहन करने की ताकत प्रदान करें। वाहेगुरु वाहेगुरु।"
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने 'एक्स' पर राजवीर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "यह सुनकर दिल टूट गया कि राजवीर जवंदा अब हमारे बीच नहीं रहे। कई दिनों तक साहस से लड़ने के बाद, वे हमें बहुत जल्दी छोड़कर चले गए। उनकी मधुर आवाज और जिंदादिल अंदाज हमेशा हमारे दिलों में बसा रहेगा। राजवीर, आपकी आत्मा को शांति मिले।"
अभिनेत्री सरगुन मेहता ने इंस्टाग्राम पर उनकी फोटो साझा की और लिखा, "आप बहुत जल्दी हमें छोड़कर चले गए। आपकी आवाज हमेशा पंजाब में गूंजती रहेगी। वाहेगुरु आपकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।"
सोनम बाजवा ने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर राजवीर की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, "एक प्रतिभाशाली आत्मा हमें बहुत जल्दी छोड़ गई। राजवीर, आपकी आत्मा को शांति मिले।"
अभिनेता अम्मी विर्क ने राजवीर की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "बहुत ही दुख के साथ आपको सूचित किया जाता है कि हमारे प्रिय राजवीर जवंदा अब इस दुनिया की यात्रा पूरी कर ८ अक्टूबर को गुरु चरणों में लीन हो गए हैं। उनका अंतिम संस्कार ९ अक्टूबर को उनके पैतृक गांव पौना, जगरांव (लुधियाना) में किया जाएगा।"