क्या बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार कफ सिरप कंपनी के मालिक की होगी गिरफ्तारी?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लिया है।
- कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- बच्चों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी की जाएगी।
- सरकार इलाज का खर्च उठाने के लिए तैयार है।
- दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की हुई मौत के मामले में सरकार द्वारा उठाए जा रहे सख्त कदमों के तहत, राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जानकारी दी है कि कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी हेतु मध्य प्रदेश पुलिस ने चेन्नई और कांचीपुरम की ओर कदम बढ़ाए हैं।
उपमुख्यमंत्री शुक्ल ने संवाददाताओं को बताया कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया जाएगा और इसके लिए पुलिस की एक टीम पहले ही रवाना हो चुकी है।
इससे पहले, उपमुख्यमंत्री ने नागपुर में अस्पतालों में उपचाराधीन बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति का जायजा लिया। निम्न गुणवत्ता के कफ सिरप के कारण बीमार हुए बच्चे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
उपमुख्यमंत्री ने नागपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, एम्स और न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल में जाकर इलाजरत बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी ली और चिकित्सकों से विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने चिकित्सकों को निर्देश दिए कि बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं। बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए और विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी करे।
उन्होंने बच्चों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। बच्चों के उपचार के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी और इलाज के खर्चे का वहन सरकार करेगी। बच्चों के पूर्ण स्वस्थ होने तक उनकी स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में छिंदवाड़ा के परासिया क्षेत्र में बच्चों को बुखार, सर्दी, और खांसी के बाद कोल्ड्रिफ कफ सिरप दिया गया था, जिसके कारण अब तक 19 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री मोहन यादव प्रभावित परिवारों के बीच जाकर हर संभव सहायता का आश्वासन दे चुके हैं।
इस मामले में दवा लिखने वाले चिकित्सक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, और तीन अधिकारियों को निलंबित किया गया है।