क्या राज्यसभा में 'इंडियन पोर्ट बिल 2025' पारित हुआ? यह विधेयक बंदरगाहों के विकास से जुड़ा है

सारांश
Key Takeaways
- बंदरगाह कानूनों का एकीकरण
- एकीकृत बंदरगाह विकास
- राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना
- पर्यावरण और सुरक्षा प्रावधान
- व्यापार सुगमता में वृद्धि
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में 'इंडियन पोर्ट बिल- 2025' सोमवार को सफलतापूर्वक पारित किया गया। यह विधेयक जो बंदरगाहों के विकास से संबंधित है, पहले से ही लोकसभा में अपनी मंजूरी प्राप्त कर चुका है। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस बिल को राज्यसभा में प्रस्तुत किया।
इस बिल का मुख्य उद्देश्य बंदरगाहों से जुड़े कानूनों का एकीकरण, एकीकृत बंदरगाह विकास को प्रोत्साहित करना, व्यापार की सुगमता बढ़ाना और भारत की समुद्री तटरेखा का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करना है।
इसके अतिरिक्त, यह विधेयक प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ छोटे बंदरगाहों के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्य समुद्री बोर्डों की स्थापना और उन्हें सशक्त बनाने का भी प्रावधान करता है। यह विधेयक सोमवार को राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया।
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि यह बिल कानून बनने पर एकीकृत बंदरगाह विकास को बढ़ावा देगा और भारत की तटीय रेखा के सर्वोत्तम उपयोग को सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक राज्यों में स्टेट मैरीटाइम बोर्ड्स की स्थापना और सशक्तीकरण, साथ ही मैरीटाइम स्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के गठन का प्रावधान करता है। इससे बंदरगाह क्षेत्र का संरचित विकास संभव होगा।
अतिरिक्त रूप से, इस विधेयक में प्रदूषण, आपदा, आपात स्थिति, सुरक्षा, नौवहन और डाटा प्रबंधन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुपालन, बंदरगाह संरक्षण और बंदरगाह से संबंधित विवादों के समाधान के लिए न्यायिक तंत्र की व्यवस्था का उल्लेख भी है।
सोनोवाल ने प्रस्ताव रखा कि यह विधेयक लोकसभा से पारित होकर राज्यसभा में विचारार्थ लाया जाए और पारित किया जाए। इसके बाद, राज्यसभा ने ध्वनिमत से विधेयक पारित किया।
इससे पहले, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल पर चर्चा के दौरान बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यु का मुद्दा उठाना चाहा, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि हम पहले ही सत्र के आरंभ में बता चुके हैं कि सरकार कानून संगत किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने यह भी बताया कि विपक्ष के हंगामे के कारण अब तक राज्यसभा के 60 से अधिक घंटे व्यर्थ हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर यह आरोप लगाया कि पार्टी का विरोध करते-करते ये देश का विरोध करने लगे हैं।