क्या राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा बढ़ता जा रहा है?

Click to start listening
क्या राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा बढ़ता जा रहा है?

सारांश

राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा जारी है। क्या यह केवल बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे तक सीमित है, या इसके पीछे और भी कारण हैं? जानिए इस राजनीतिक उठापटक की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा जारी है।
  • बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर चर्चा की मांग की गई।
  • उपसभापति ने विपक्ष की मांगों को अस्वीकार किया।
  • हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई।
  • देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा में शुक्रवार को भी हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्ष के कई सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा की मांग की। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मांग को लेकर सदन में हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई।

इसी दौरान, विपक्ष के कई सांसदों ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ पर भी चर्चा की इच्छा व्यक्त की। विपक्षी सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया। इस पर नाराज विपक्षी सांसदों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई। 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर भी विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा, जिसके चलते कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के कुछ समय बाद उपसभापति ने बताया कि विपक्ष के 28 सांसदों ने उन्हें विभिन्न मुद्दों पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। नियम 267 के अंतर्गत सदन के अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके दिए गए विषयों पर चर्चा कराई जाती है और चर्चा के अंत में वोटिंग का प्रावधान होता है। डॉ. सस्मित पात्रा, सुलता देव, सुभाशीष खुंटिया, निरंजन बिशी, मानस रंजन समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने उड़ीसा में गंभीर अपराधों, महिलाओं और गर्ल चाइल्ड के खिलाफ अपराधों पर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की।

इसके अलावा, नीरज डांगी, अखिलेश प्रसाद सिंह, सुष्मिता देव, संजय सिंह, राजीव शुक्ला और रेणुका चौधरी समेत कई अन्य सांसद बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन रिव्यू के मामले पर चर्चा की मांग कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के रीतीब्रता बनर्जी, सागरिका घोष और डीएमके के तिरुचि आदि सांसदों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पश्चिम बंगाल के कामगारों के साथ भेदभाव की बात कहते हुए इस पर चर्चा की मांग की। पीपी सुनील, संतोष कुमार पी और वी शिवादासन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ और पैनल्टी व इसके प्रभावों को लेकर सदन में चर्चा की मांग की।

इसके अलावा, रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा के पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर चर्चा कराए जाने की मांग की। उपसभापति ने इन सभी चर्चा की मांगों को अस्वीकार कर दिया, इसके लिए उन्होंने पूर्व में लिए गए निर्णयों का हवाला दिया। उपसभापति द्वारा चर्चा की अनुमति न मिलने पर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और सदन में अपनी सीटों से उठकर आगे आ गए। इसके कारण सदन की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित की गई। 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी यह हंगामा जारी रहा, जिसके कारण कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि विपक्ष की मांगें संवैधानिक प्रावधानों के तहत उठाई जा रही हैं। हालांकि, सदन की कार्यवाही में बाधा डालना उचित नहीं है। हमें उम्मीद है कि सभी दल एक साथ मिलकर देश के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

राज्यसभा में हंगामा क्यों हो रहा है?
विपक्ष के सांसद बिहार में मतदाता सूची के गहन रिव्यू पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जिसे उपसभापति ने अस्वीकार कर दिया।
क्या हंगामा केवल एक दिन की घटना है?
नहीं, यह लगातार जारी है और कार्यवाही को कई बार स्थगित किया गया है।
कौन-कौन से दल शामिल हैं इस हंगामे में?
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस जैसे कई दल शामिल हैं।