क्या रक्षा तैयारियों और ‘विकसित भारत 2047’ के लिए क्रिटिकल मिनरल्स महत्वपूर्ण हैं?

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क्या रक्षा तैयारियों और ‘विकसित भारत 2047’ के लिए क्रिटिकल मिनरल्स महत्वपूर्ण हैं?

सारांश

रक्षा तैयारियों और विकसित भारत 2047 की दिशा में क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व बढ़ता जा रहा है। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने इस विषय पर महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। जानें कैसे ये खनिज राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं और भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत कर रहे हैं।

Key Takeaways

  • क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व राष्ट्रीय सुरक्षा में बढ़ा है।
  • आधुनिक सैन्य तकनीकों की निर्भरता खनिजों पर है।
  • भारत की आयात निर्भरता एक रणनीतिक जोखिम है।
  • सरकार ने आत्मनिर्भरता के लिए कई कदम उठाए हैं।
  • क्रिटिकल मिनरल्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला अत्यधिक केंद्रीकृत है।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा तैयारियों और ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व अत्यधिक बढ़ गया है। ये खनिज अब राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा क्षमता के निर्माण में एक प्रमुख रणनीतिक सक्षमकर्ता बन चुके हैं। यह जानकारी चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस, एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने साझा की।

उन्होंने बताया कि आधुनिक सैन्य तकनीकों जैसे जेट इंजन, मिसाइलें, प्रिसिशन म्यूनिशन, रडार, नेविगेशन और संचार उपग्रह, बैटरी तथा सेमीकंडक्टर आदि की उन्नति का आधार खनिजों की आपूर्ति पर निर्भर है। एयर मार्शल दीक्षित ने बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला अत्यधिक केंद्रीकृत है। उन्होंने कहा कि कई देश अब इनकी निर्यात नीतियों का उपयोग भू-राजनीतिक दबाव के रूप में कर रहे हैं। ऐसे में भारत की आयात निर्भरता रक्षा तैयारियों के लिए एक रणनीतिक जोखिम बन सकती है।

वह क्रिटिकल मिनरल्स पर एक विशेष कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। वास्तव में, सेंटर फॉर जॉइंट वारफेयर स्टडीज ने आईपी बाजार के सहयोग से ‘मिनरल दैट मेटर: जियोपॉलिटिक्स, सोवेरनिटी, एंड वैल्यू चेंस’ विषय पर एक उच्च-स्तरीय, क्लोज्ड डोर टेक टॉक राउंड टेबल का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा उत्पादन, तकनीकी प्रभुत्व और महत्वपूर्ण खनिजों के वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य पर गहन चर्चा की गई। यहां बताया गया कि क्रिटिकल मिनरल्स आधुनिक रक्षा क्षमता की रीढ़ हैं। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित, चीफ ऑफ इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण, ऑपरेशनल रेडीनेस और विकसित भारत 2047 की दृष्टि एक सुरक्षित और मजबूत खनिज आपूर्ति श्रृंखला से अविभाज्य रूप से जुड़ी है। एयर मार्शल दीक्षित ने भारत सरकार द्वारा उठाए गए कई महत्वपूर्ण कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की जा रही है। खनिज निकासी से लेकर प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग और रीसाइक्लिंग तक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि यह प्रयास भारत को नीतिगत इरादों से आगे बढ़ाकर वास्तविक उपलब्धियों की ओर ले जाएगा। कार्यक्रम के दौरान एयर मार्शल दीक्षित ने क्रिटिकल मिनरल्स पर आधारित 30 तकनीकी रिपोर्टों के संग्रह का उद्घाटन किया। ये रिपोर्टें इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) परिदृश्य, बाजार विश्लेषण और भविष्य की आवश्यकताओं पर विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह एक आमंत्रण-आधारित कार्यक्रम था और इसमें देश की कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हुईं। इनमें वरिष्ठ नीति निर्माता, रक्षा विशेषज्ञ, उद्योग जगत के लीडर्स, तकनीकी नवप्रवर्तक, शिक्षाविद व बौद्धिक संपदा विशेषज्ञ शामिल रहे। इस अवसर पर केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भी कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं भेजीं।

Point of View

बल्कि देश के विकास के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

क्रिटिकल मिनरल्स क्या होते हैं?
क्रिटिकल मिनरल्स उन खनिजों को कहते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा और औद्योगिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
भारत क्यों क्रिटिकल मिनरल्स की पहचान कर रहा है?
भारत अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए क्रिटिकल मिनरल्स की पहचान कर रहा है।
एयर मार्शल दीक्षित ने इस विषय पर क्या कहा?
एयर मार्शल दीक्षित ने बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इनकी आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान देना आवश्यक है।
क्या भारत की आयात निर्भरता रक्षा के लिए जोखिम बन सकती है?
हां, क्रिटिकल मिनरल्स की आयात निर्भरता भारत की रक्षा तैयारियों के लिए एक रणनीतिक जोखिम हो सकती है।
भारत सरकार ने इस दिशा में क्या कदम उठाए हैं?
भारत सरकार ने क्रिटिकल मिनरल्स की राष्ट्रीय पहचान, निकासी, प्रोसेसिंग और रीसाइक्लिंग को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
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