क्या राम मंदिर में फहराया गया 'धर्म ध्वज' राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है?

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क्या राम मंदिर में फहराया गया 'धर्म ध्वज' राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है?

सारांश

अयोध्या के राम मंदिर में धर्म ध्वज का फहराना एक ऐतिहासिक क्षण है। पवन कल्याण ने इसे भारतीय संस्कृति का प्रतीक और उपनिवेशवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम बताया। जानें इस ध्वज के पीछे का संदेश और इसके महत्व को।

Key Takeaways

  • धर्म ध्वज का फहराना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
  • पवन कल्याण ने उपनिवेशवाद की आलोचना की है।
  • प्रधानमंत्री मोदी की पहल को सराहनीय बताया गया है।
  • यह घटना सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।
  • हमें अपनी पहचान पर गर्व करना चाहिए।

नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर भव्य 'धर्म ध्वज' के फहराए जाने पर अभिनेता और आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इसे न केवल एक बड़ी उपलब्धि बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

पवन कल्याण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक विस्तृत पोस्ट में लिखा, "भारत की संस्कृति, सभ्यता और नैतिकता हमेशा देश की नींव रही है। सनातन धर्म ने सहनशीलता, भाईचारा, शांति और प्रकृति के प्रति सम्मान सिखाया है। जहां नैतिकता और धर्म सही मार्ग दिखाते हैं, वहीं आधुनिक भारत संविधान से मजबूत होता है, जो लोकतंत्र और एकता की रक्षा करता है।"

उन्होंने उपनिवेशवाद की आलोचना करते हुए कहा कि ब्रिटिश शासकों और ईस्ट इंडिया कंपनी ने न केवल धन लूटा बल्कि भारतीयों में हीन भावना भी बोई। थॉमस बेबिंगटन मैकाले के 'मिनट ऑन इंडियन एजुकेशन' को उन्होंने बौद्धिक गुलामी का खाका बताया, जिसका उद्देश्य भारतीयों को अंग्रेजी सोच वाला बनाना था।

पवन कल्याण ने कहा कि उपनिवेशवादियों के जाने के बाद भी यही मानसिकता बनी हुई है। उन्होंने मार्क्सवादी दार्शनिक फ्रांट्ज फैनन के कथन का जिक्र किया, "साम्राज्यवाद सड़न के कीटाणु छोड़ जाता है, जिन्हें जमीन और दिमाग से निकालना जरूरी है।"

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि उपनिवेशवादी प्रतीकों को हटाने और आत्म-सम्मान बहाल करने की राष्ट्रीय पहल सराहनीय है। उदाहरण देते हुए उन्होंने रेसकोर्स रोड का नाम लोक कल्याण मार्ग, राजपथ का कर्तव्य पथ, नई संसद में सेंगोल स्थापना और भारतीय नौसेना के झंडे पर शिवाजी महाराज की मुहर का जिक्र करते हुए कहा कि ये बदलाव नाम से अधिक सांस्कृतिक एकता के प्रतीक हैं।

अयोध्या में राम मंदिर में ध्वजारोहण को उन्होंने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बताया और कहा कि यह राष्ट्रीय भावना का उत्सव है, जो भारत को अपनी जड़ों से जोड़ता है। भारत का भविष्य हम सबमें है। हमें अपनी पहचान पर गर्व करना चाहिए और पुरानी समझ से नया भारत बनाना चाहिए। यह जागृति भारतीयता को और मजबूत करेगी।

Point of View

बल्कि यह भारतीय संस्कृति और पहचान की पुनर्स्थापना का प्रतीक है। पवन कल्याण की बातें हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें अपनी जड़ों से जुड़कर आगे बढ़ना चाहिए। यह एक ऐसा क्षण है जब हम अपने इतिहास और संस्कृति का गर्व महसूस करते हैं।
NationPress
25/11/2025

Frequently Asked Questions

राम मंदिर में धर्म ध्वज का महत्व क्या है?
धर्म ध्वज का फहराना भारतीय संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है, जो हमारी जड़ों से जुड़ने का संदेश देता है।
पवन कल्याण ने उपनिवेशवाद पर क्या कहा?
उन्होंने उपनिवेशवाद को न केवल धन लूटने वाला बल्कि मानसिकता में हीन भावना पैदा करने वाला बताया।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर पवन कल्याण का क्या मत है?
पवन कल्याण ने मोदी की पहल को सराहनीय बताया और उपनिवेशवादी प्रतीकों को हटाने की प्रक्रिया को महत्वपूर्ण माना।
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