क्या पीएम मोदी और सीएम योगी ने देश को राममय बना दिया?
सारांश
Key Takeaways
- राममंदिर का ध्वजारोहण समारोह ऐतिहासिक महत्व का है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने कार्यक्रम को खास बना दिया।
- पंडित दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना की प्रस्तुति ने समारोह को भव्यता प्रदान की।
- ध्वजा पर 'ॐ' और कोविदार वृक्ष का चिन्ह दर्शाता है हमारे धर्म की समृद्धि।
- यह समारोह भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक है।
अयोध्या, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या में राममंदिर के ध्वजारोहण समारोह की तैयारियाँ जोरों पर हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहाँ उपस्थित हैं और वे स्वयं अपने हाथों से ध्वजारोहण कर रहे हैं।
इस पावन अवसर को राममय बनाने के लिए शहनाई वादक पंडित दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना की विशेष प्रस्तुति का आयोजन किया गया है। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी की प्रशंसा करते हुए अपनी खुशी व्यक्त की है।
पंडित दुर्गा प्रसाद प्रसन्ना ने राम जन्मभूमि मंदिर में पवित्र ध्वजारोहण समारोह के मुख्य कलाकार के रूप में अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा, "मैं यहाँ कई बार आया हूँ और शहनाई बजा चुका हूँ। मैंने २२ जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भी शहनाई बजाई थी। मोदी जी और योगी जी के प्रयासों से सब बहुत खुश हैं, क्योंकि उन्होंने दुनिया को दिखाया कि ये हमारे भगवान राम हैं। मुझे यहाँ फिर से शहनाई बजाने का अवसर मिला है, मेरा कल भी शहनाई का कार्यक्रम है। हम सब बहुत खुश हैं।"
आपको जानकारी दे दें कि इस ध्वजारोहण के लिए विशेष ध्वजा बनाई गई है। ध्वजा की ऊँचाई १० फीट और लंबाई २० फीट है, जिस पर सनातन धर्म के प्रतीक के रूप में ‘ॐ’ का चिन्ह और कोविदार वृक्ष की आकृति बनाई गई है। ध्वजा पर दक्षिण भारतीय वास्तुकला की झलक दिखाई देगी, जिसमें लगभग ८०० मीटर लंबा परकोटा है, जो दक्षिण भारतीय परंपरा को दर्शाता है।
इस ध्वजारोहण समारोह में पीएम मोदी, सीएम योगी, संघ प्रमुख मोहन भागवत और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल हो रहे हैं। इस पावन अवसर पर सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सप्तपुरियों में श्रेष्ठ श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर-कमलों से भव्य भगवा ध्वज का आरोहण होने जा रहा है।"
उन्होंने आगे लिखा, "सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का यह दिव्य संदेश पूरे भारतवर्ष में अदम्य आध्यात्मिक आत्मिक ऊर्जा का संचार कर रहा है। करोड़ों रामभक्तों की आस्था, तपस्या और प्रतीक्षा आज एक नए शिखर पर प्रतिष्ठित होने जा रही है। राष्ट्र आज राममय है, धर्ममय है।"