क्या रांची में ईसाइयों की आस्था के केंद्र वेटिकन की तर्ज पर बना दुर्गा पूजा पंडाल विवाद का कारण है?

सारांश
Key Takeaways
- पंडाल की लागत: ८५ लाख रुपए
- निर्माणकर्ता: आरआर स्पोर्टिंग क्लब
- थीम: वेटिकन संग्रहालय की तर्ज पर
- विरोध: हिंदूवादी संगठनों द्वारा
- उद्घाटन तिथि: २६ या २७ सितंबर
रांची, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। रांची के रातू रोड क्षेत्र में ईसाइयों की आस्था के सबसे बड़े केंद्र वेटिकन की तर्ज पर बने दुर्गा पूजा पंडाल को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। इस पंडाल का निर्माण 'आरआर स्पोर्टिंग क्लब' ने किया है, जिसकी लागत लगभग ८५ लाख रुपए है। क्लब के प्रमुख विक्की यादव झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हैं।
विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और जनजाति सुरक्षा मंच जैसे हिंदूवादी संगठनों ने इस पंडाल के स्वरूप को हिंदू आस्था और धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया है। पंडाल को वेटिकन चर्च के समान रूप दिया गया है, जिसमें ईसा मसीह, मदर मैरी और अन्य कैथोलिक धर्मगुरुओं की तस्वीरें भी शामिल हैं। पंडाल को आम दर्शकों के लिए २६ या २७ सितंबर को खोलने की योजना है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाया है कि जेएमएम नेता विक्की यादव के नेतृत्व में यह पंडाल 'धर्मांतरण का अड्डा' बन गया है। उनका कहना है कि इस पंडाल के माध्यम से हिंदुओं की आस्था के साथ सरकार और कुछ राजनीतिक संगठनों ने खेल खेला है।
हिंदू जागरण मंच के प्रांत संयोजक विक्रम शर्मा ने चेतावनी दी है कि इसके खिलाफ कड़ा विरोध किया जाएगा और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ कोई समझौता नहीं होगा। हिंदूवादी संगठन से जुड़े सुजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने पहले आयोजकों से इस पर चर्चा कर समझाने की कोशिश की थी, लेकिन कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला।
आयोजकों का कहना है कि पंडाल की थीम केवल कलात्मक दृष्टि से चुनी गई है और किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई मकसद नहीं था। आरआर स्पोर्टिंग क्लब के अध्यक्ष राहुल यादव ने बताया कि यह पंडाल पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल है और इसकी लागत करीब ८५ लाख रुपए रही है। पंडाल की लंबाई १०० फीट और चौड़ाई ४५ फीट है, जिसे ७०-८० कारीगरों ने तैयार किया है।
क्लब के सदस्यों के मुताबिक, यह पंडाल वेटिकन संग्रहालय की थीम पर आधारित है। किसी की भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं है।