क्या उद्धव ठाकरे राज ठाकरे को भी धोखा देंगे? : रवि राणा

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे का एक साथ आना चुनावी रणनीति है।
- भाजपा विधायक रवि राणा ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
- मराठी भाषा के मुद्दे पर दोनों नेताओं का एकजुट होना अहम है।
मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में 5 जुलाई को शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसा) के अध्यक्ष राज ठाकरे के एक साथ रैली करने के निर्णय पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक रवि राणा ने तीखा वार किया। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर राज ठाकरे को भविष्य में धोखा देने की आशंका जताई।
मराठी हिंदी भाषा के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ भव्य रैली के निर्णय पर भाजपा विधायक रवि राणा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह एक अच्छी बात है, क्योंकि मराठी के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री भी कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने मराठी के मुद्दे को स्थापित करने के लिए काम किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठी स्कूल और जिला परिषद के लिए काफी धन आवंटित किया है।"
उन्होंने यह भी कहा, "उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से भाजपा को धोखा दिया, उसी तरह वह जल्द ही राज ठाकरे को भी धोखा देंगे। उद्धव ठाकरे केवल महानगरपालिका और मुंबई चुनाव के लिए राज ठाकरे का उपयोग कर रहे हैं। पहले भी उन्होंने कई बार राज ठाकरे का अपमान किया है। यह चुनावी गठबंधन केवल दिखावे के लिए है।"
मराठी भाषा विवाद पर नितेश राणे के हालिया बयान का समर्थन करते हुए रवि राणा ने कहा, "सबने देखा था कि जब औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाए गए थे, तब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। आज औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखा गया है, यह भाजपा का कार्य है। जिस तरह से भिंडी बाजार या भिवंडी में मुस्लिम समुदाय के लोग रास्ते पर नमाज पढ़ते हैं, उससे मराठी लोगों को परेशानी होती है, लेकिन इस पर कोई कुछ नहीं कहता। ऐसे में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को हिंदुओं के बजाय मराठी लोगों के हित में बात करनी चाहिए।"