क्या 'रविवार व्रत' सुख, समृद्धि और मोक्ष का रास्ता है? जानें पूजा विधि और महत्व

Click to start listening
क्या 'रविवार व्रत' सुख, समृद्धि और मोक्ष का रास्ता है? जानें पूजा विधि और महत्व

सारांश

क्या आप जानते हैं कि रविवार का व्रत कैसे आपको सुख, समृद्धि और मोक्ष दिला सकता है? जानें इस व्रत की पूजा विधि और उसके महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • रविवार का व्रत सुख और समृद्धि का प्रतीक है।
  • अभिजीत मुहूर्त का पालन करें।
  • सूर्य देव की पूजा विधि का अनुसरण करें।
  • दान का महत्व समझें।
  • सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में शुभ योग है।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि रविवार को सर्वार्थ सिद्धि और द्विपुष्कर का संयोग बन रहा है। इस दिन सूर्य दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक तुला राशि में और चंद्रमा कन्या राशि में रहेंगे।

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय सुबह 4 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। रविवार को कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन आप वार के अनुसार रविवार का व्रत रख सकते हैं।

अग्नि और स्कंद पुराण में बताया गया है कि जो जातक रविवार का व्रत रखते हैं उन्हें सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत की शुरुआत वे किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से कर सकते हैं। 12 रविवार व्रत रखने के बाद इसका उद्यापन कर देना चाहिए।

रविवार का व्रत विधि-विधान से करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म, स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें। फिर चौकी पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें और व्रत कथा सुनें। सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल भरकर उसमें फूल, अक्षत और रोली डालकर अर्घ्य दें। मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

इसके अलावा रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ और सूर्य देव के मंत्र 'ऊं सूर्याय नमः' या 'ऊं घृणि सूर्याय नमः' का जप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। रविवार के दिन गुड़ और तांबे का दान भी विशेष महत्व रखता है। इन उपायों से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है।

सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है। मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।

Point of View

बल्कि यह समाज में सकारात्मकता और एकता का संदेश भी देता है। इस व्रत के माध्यम से लोग न केवल अपने लिए, बल्कि समाज के कल्याण के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

रविवार व्रत का महत्व क्या है?
रविवार व्रत रखने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, आरोग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस व्रत की पूजा विधि क्या है?
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म करें, पूजा स्थल को साफ करें, और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
क्या रविवार का व्रत हर सप्ताह किया जा सकता है?
हाँ, आप हर सप्ताह रविवार का व्रत रख सकते हैं।
Nation Press