क्या आरबीआई ने बेहतर मानसून के चलते चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान में भारी कटौती की?

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क्या आरबीआई ने बेहतर मानसून के चलते चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान में भारी कटौती की?

सारांश

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान घटाकर 3.1 प्रतिशत कर दिया है। यह कटौती अच्छे मानसून और खरीफ फसलों की अधिक बुवाई के चलते हुई है। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और भविष्य में महंगाई दर के संभावित रुझान।

Key Takeaways

  • आरबीआई ने महंगाई का अनुमान 3.1 प्रतिशत किया।
  • अच्छा मानसून और अधिक फसल बुवाई है कारण।
  • भविष्य में 4 प्रतिशत से ऊपर जाने की संभावना।
  • खुदरा महंगाई में पिछले 8 महीनों से गिरावट।
  • खाद्य महंगाई 0.2 प्रतिशत तक पहुंची।

मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महंगाई दर का अनुमान 3.1 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 3.7 प्रतिशत था। इसका मुख्य कारण है अच्छा मानसून और खरीफ फसलों की अधिक बुवाई, जिससे खाद्य उत्पादों की कीमतों में नियंत्रण बना हुआ है।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, "2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान जून में की गई अपेक्षाओं की तुलना में काफी कम है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की सफल प्रगति, अच्छी खरीफ बुवाई, पर्याप्त जलाशय स्तर और खाद्यान्नों के पर्याप्त बफर स्टॉक जैसे अनुकूल कारकों ने इस नरमी में योगदान दिया है।"

हालांकि, कुछ नकारात्मक आधार प्रभावों और नीतिगत कदमों के कारण, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई 2025-26 की चौथी तिमाही और उसके बाद 4 प्रतिशत से ऊपर जाने की संभावना है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर इनपुट कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा, तो वर्ष के दौरान मुख्य महंगाई 4 प्रतिशत से थोड़ी ऊपर रहने की उम्मीद है।

आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि मौसम संबंधी झटके महंगाई के दृष्टिकोण के लिए जोखिम पैदा करते हैं। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई महंगाई अब 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह दूसरी तिमाही में 2.1 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। 2026-27 की पहली तिमाही के लिए महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जोखिम समान रूप से संतुलित हैं।

खुदरा महंगाई में पिछले आठ महीनों से लगातार गिरावट जारी है। जून 2025 में यह 2.1 प्रतिशत तक गिर गई थी। इसका मुख्य कारण जून में खाद्य महंगाई दर का 0.2 प्रतिशत रहना था, जो फरवरी 2019 के बाद खाद्य महंगाई का सबसे न्यूनतम स्तर है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने के लिए आवश्यक था। अच्छे मानसून और कृषि उत्पादन के कारण महंगाई में ये बदलाव सकारात्मक संकेत हैं। हालांकि, हमें सतर्क रहना होगा क्योंकि मौसम संबंधी अनिश्चितताएं हमेशा जोखिम पैदा कर सकती हैं।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई ने महंगाई का अनुमान क्यों घटाया?
आरबीआई ने महंगाई का अनुमान घटाया है क्योंकि अच्छे मानसून और अधिक खरीफ बुवाई के कारण खाद्य उत्पादों की कीमतें नियंत्रित हैं।
भविष्य में महंगाई दर क्या होगी?
भविष्य में महंगाई दर 4 प्रतिशत से ऊपर जाने की संभावना है, विशेषकर 2025-26 की चौथी तिमाही में।