क्या आरएसएस ने 1947 तक वंदे मातरम को अपनाया नहीं? : कांग्रेस सांसद इमरान मसूद
सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी।
- इमरान मसूद ने वंदे मातरम पर सवाल उठाए।
- एनडीए ने कांग्रेस पर आरोप लगाए।
- वंदे मातरम का 150 साल का जश्न मनाया गया।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा हो रही है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नेताओं ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय गीत का अपमान करने का गंभीर आरोप लगाया, जिस पर कांग्रेस नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने वंदे मातरम पर हो रही चर्चा और प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर कि 'राष्ट्रीय गीत का अपमान किया गया' पर कहा, "यह किसका राष्ट्रीय गीत है? राष्ट्रीय गीत हमारा था; अब आप इस पर दावा कर रहे हैं। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की स्थापना 1925 में हुई थी, तो 1947 तक इसे क्यों नहीं गाया गया? जब लोगों को राष्ट्रीय गीत गाने पर पीटा जा रहा था? इनके किसी एक व्यक्ति का नाम बताएं जिसे पीटा गया हो या जेल भेजा गया हो। आप लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?"
कांग्रेस सांसद ने चुनाव सुधारों पर चर्चा को लेकर कहा, "ये चुनाव सुधार नहीं, बल्कि चुनाव को खत्म करना है। हम चुनावों को खत्म करने पर बहस करने जा रहे हैं और हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।"
कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने कांग्रेस पर वंदे मातरम का अपमान करने वाले सत्तापक्ष के आरोपों को नकारा। उन्होंने कहा, "सत्तादल के लोगों को वंदे मातरम और उस जैसी अन्य चीजों से क्या लेना देना है? वे न तो आजादी की लड़ाई में थे, न वे जेल गए और न ही लाठी खाए हैं। उनका कोई इतिहास नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "उनका इतिहास उठाकर देखिए। महात्मा गांधी की हत्या किसने की? हिंदू महासभा में कौन लोग थे? सुभाष चंद्र बोस को अपमानित किसने किया? अंग्रेजों के साथ रिश्ते किसके थे? मुखबिरी कौन करता था? भारत के लोगों और स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ कौन खबर देता था? ऐसे काम यही लोग करते थे। वे शांति और सच्चाई से हमेशा नफरत करते रहे। रवींद्र नाथ टैगोर ने पहली बार कांग्रेस अधिवेशन में ही वंदे मातरम गाया था।
बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने वंदे मातरम के 150 साल की गौरव गाथा के बारे में जानकारी दी।