क्या है समाज और राष्ट्र की सेवा की 100 साल की कहानी? अभाविप प्रदर्शनी में हुई जीवंत

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क्या है समाज और राष्ट्र की सेवा की 100 साल की कहानी? अभाविप प्रदर्शनी में हुई जीवंत

सारांश

लखनऊ में आयोजित एक भव्य प्रदर्शनी ने आरएसएस की 100 साल की यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया। अभाविप द्वारा आयोजित इस आयोजन ने युवा पीढ़ी को समाज सेवा और राष्ट्रभक्ति के प्रति जागरूक किया। जानिए इस प्रदर्शनी के प्रमुख आकर्षण और इसके पीछे का उद्देश्य।

Key Takeaways

  • आरएसएस का 100 वर्षों का योगदान और समाज में सकारात्मक परिवर्तन
  • युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रदर्शनी का महत्व
  • संघ की शताब्दी यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
  • समाज सेवा और राष्ट्रभक्ति में युवाओं की भागीदारी
  • संघ के कार्यों का सही विमर्श

लखनऊ, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक शताब्दी पूर्ण होने के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), अवध प्रांत ने बुधवार को लखनऊ के कैसरबाग में स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में एक भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में संघ की ऐतिहासिक यात्रा, समाज सेवा, शिक्षा-संस्कार और राष्ट्रीय जीवन में किए गए सकारात्मक योगदान को प्रदर्शित किया गया है।

यह प्रदर्शनी संघ की 100 वर्षों की ध्येय यात्रा और राष्ट्रनिर्माण में जनसहभागिता का जीवंत चित्रण प्रस्तुत कर रही थी। इसमें युवा वर्ग को समाजसेवा, राष्ट्रभक्ति और सकारात्मक योगदान के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया गया। यह आयोजन अभाविप द्वारा संघ की शताब्दी यात्रा के महत्व को उजागर करने और नई पीढ़ी को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम साबित हुआ।

मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख स्वांत रंजन ने कहा कि संघ ने 100 वर्षों में समाज को सकारात्मक दिशा दी है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी से नई पीढ़ी को संघ के कार्यों और राष्ट्रनिर्माण में किए गए योगदान का जीवंत अनुभव मिलेगा। उन्होंने अभाविप के सभी कार्यकर्ताओं को इस प्रयास के लिए बधाई दी और कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में समाज और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना जागरूक करते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। अभाविप के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई, जिन्होंने राष्ट्रीय विमर्श को स्पष्ट किया है, जिससे नई पीढ़ी जान सकेगी कि संघ ने क्या किया है। यह प्रदर्शनी केवल संघ के कार्य का परिचय नहीं बल्कि राष्ट्रनिर्माण में जनसहभागिता का जीवंत चित्रण है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) राजशरण शाही ने कहा कि यह प्रदर्शनी छात्रों को समाज और राष्ट्र की सेवा के संकल्प से जोड़ने के साथ-साथ संघ के कार्यों के प्रति फैलाए जा रहे गलत विमर्श का भी प्रतिकार करती है। संघ की शताब्दी यात्रा से जुड़ी प्रेरणादायी झलकियां छात्रों तक पहुंचें और वे समाज एवं राष्ट्र की सेवा के संकल्प के साथ आगे बढ़ें।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि ऐसे आयोजन न केवल समाज को जागरूक करने का कार्य करते हैं, बल्कि यह नई पीढ़ी को अपने इतिहास से जोड़ते हैं। संघ की शताब्दी यात्रा एक प्रेरणा है, जो हमें अपने राष्ट्र की सेवा के प्रति और अधिक प्रतिबद्ध बनाती है।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस की प्रदर्शनी में क्या दिखाया गया?
इस प्रदर्शनी में संघ की ऐतिहासिक यात्रा, समाज सेवा, शिक्षा-संस्कार और राष्ट्रीय जीवन में किए गए सकारात्मक योगदान को प्रदर्शित किया गया है।
प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य क्या था?
प्रदर्शनी का उद्देश्य युवा पीढ़ी को समाजसेवा और राष्ट्रभक्ति के प्रति जागरूक करना और संघ के कार्यों का सही परिचय देना था।
मुख्य अतिथि ने क्या कहा?
मुख्य अतिथि स्वांत रंजन ने कहा कि संघ ने 100 वर्षों में समाज को सकारात्मक दिशा दी है और ऐसे कार्यक्रम युवाओं में जिम्मेदारी का अहसास कराते हैं।