क्या एस जयशंकर ने विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में प्रवासी-विरोधी नेताओं को चेतावनी दी?

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क्या एस जयशंकर ने विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में प्रवासी-विरोधी नेताओं को चेतावनी दी?

सारांश

नई दिल्ली में आयोजित विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासी-विरोधी नेताओं को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि प्रतिभाशाली लोगों के आने-जाने में रुकावटें उत्पन्न की गईं, तो उनका देश 'नेट लूजर' बन जाएगा। जानें इस सम्मेलन के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे।

Key Takeaways

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रवासी-विरोधी नेताओं को चेतावनी दी।
  • प्रतिभा के आने-जाने में रुकावटें 'नेट लूजर' बना सकती हैं।
  • रेमिटेंस भारत की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
  • वैध आवागमन के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं।
  • मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा बनता जा रहा है।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नई दिल्ली में आयोजित विश्व वार्षिक सम्मेलन 2025 में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया, जिसका विषय था 'द मोबिलिटी इम्पेरेटिव'। इस अवसर पर भारतीय विदेश मंत्री ने प्रवासी-विरोधी नेताओं को चेतावनी दी कि यदि वे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की आवाजाही में अधिक अवरोध उत्पन्न करेंगे, तो उनका देश ‘नेट लूजर’ बन जाएगा।

ज्ञात हो, 'नेट लूजर' शब्द का उपयोग उन समूहों, कंपनियों या व्यक्तियों के लिए किया जाता है जिनका आर्थिक परिणाम नकारात्मक होता है, चाहे सभी लाभ और हानि का हिसाब करने के बाद भी।

एस जयशंकर ने कहा कि इन नेताओं ने अपनी प्रवासी-विरोधी नीतियों को सही ठहराने के लिए जो चुनौतियाँ बताई हैं, उनका प्रतिभा के सीमापार आवागमन से कोई संबंध नहीं है।

इस दौरान, भारतीय विदेश मंत्री ने डिजिटल शासन, भारत में पासपोर्ट सेवा, और प्रवासियों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की।

विदेश मंत्री ने कहा, "जब हम बाहरी दुनिया से जुड़ते हैं, तो आर्थिक संबंध की बात करते हैं, लेकिन असल में हम व्यापार पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। इस पर कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन हम अक्सर कार्य से जुड़ी आवागमन को नजरअंदाज कर देते हैं। पिछले वर्ष, भारत में रेमिटेंस 135 बिलियन डॉलर था। यह अमेरिका को हमारे निर्यात का लगभग दोगुना है।"

रेमिटेंस उस धन को कहते हैं जो कोई व्यक्ति विदेश में कार्य करके अपने परिवार को स्वदेश में भेजता है।

विदेश मंत्री ने कहा कि यह केवल रेमिटेंस तक सीमित नहीं है। विदेश में रहने वाले व्यक्तियों की रोजी-रोटी, उनकी संपत्ति जो उन्होंने वहां बनाई है, और भारत में जो सेवाएं उपलब्ध हैं, इन सभी के अनेक स्तर के परिणाम होते हैं। और मैं आपसे यह सोचने के लिए कहता हूँ कि इस व्यापार का आकार क्या है, जिसे हम मोबिलिटी कहते हैं। यह स्पष्ट रूप से रेमिटेंस से कई गुना बड़ा है।

उन्होंने आगे कहा कि यह एक सकारात्मक पहलू है। जीवन में इसका नकारात्मक पहलू भी है। जब आवागमन वैध और औपचारिक होता है, तो इसके अनेक सकारात्मक प्रभाव होते हैं, लेकिन जब ऐसा नहीं होता, तो यह सभी प्रकार के बुरे व्यापार को बढ़ावा देता है। आप तस्करी का उदाहरण ले सकते हैं, लेकिन आपने आज मोबिलिटी के महत्व को पहचाना है; यह मेरे लिए संतोष की बात है।

भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि मोबिलिटी के कई पहलू हैं। पहला है जनसांख्यिकी। ऐसी जगहें हैं जहाँ मांग है, लेकिन वहाँ जनसंख्या की कमी है। दूसरे, कुछ हद तक, प्रतिस्पर्धा और प्रतिभा है, और तीसरा कार्य के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण है। कई मामलों में लोग विशेष प्रकार का कार्य नहीं करना चाहते, या वे उस कीमत पर और उस संख्या में उन परिस्थितियों में नहीं करना चाहते। मोबिलिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य घटक बनता जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह पूरी वैश्विक समुदाय के लिए एक चेतावनी है। प्रवासी नीतियों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है ताकि प्रतिभा का सही उपयोग हो सके, जो कि देश की आर्थिक प्रगति में सहायक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

एस जयशंकर ने प्रवासी-विरोधी नेताओं को क्या चेतावनी दी?
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वे प्रतिभाशाली लोगों के आने-जाने में रुकावटें डालेंगे, तो उनका देश 'नेट लूजर' बन जाएगा।
रेमिटेंस क्या है?
रेमिटेंस उस पैसे को कहते हैं जो कोई व्यक्ति विदेश में काम करके अपने परिवार को स्वदेश में भेजता है।
मोबिलिटी का अर्थ क्या है?
मोबिलिटी का अर्थ है लोगों का सीमाओं के पार आवागमन, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण है।
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