क्या बड़े लोगों को बचाने के लिए सबरीमाला गोल्ड चोरी की जांच में देरी हो रही है?: वीडी सतीसन
सारांश
Key Takeaways
- सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी का मामला गंभीर है।
- वीडी सतीसन का आरोप है कि प्रभावशाली लोग बचने की कोशिश कर रहे हैं।
- हाईकोर्ट की टिप्पणियों ने जांच की दिशा में नई रोशनी डाली है।
- कानूनी प्रक्रिया में देरी हो रही है।
- सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच को गति देने की आवश्यकता है।
तिरुवनंतपुरम, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने शुक्रवार को पिनरई विजयन सरकार पर तीखा हमला किया। विपक्ष ने तब सवाल उठाया जब केरल हाईकोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी मामले में मुख्य आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं, जिनकी जांच अभी शेष है।
वीडी सतीसन ने कहा कि कोर्ट ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में उन्नीकृष्णन पोट्टी भी शामिल हैं, जिनके पीछे शक्तिशाली लोग हैं जो वर्तमान में हिरासत में लोगों से कहीं अधिक प्रभावशाली हैं। जांचकर्ताओं के सामने दिए गए बयानों में जिन नामों का उल्लेख किया गया, उनमें पूर्व और मौजूदा देवस्वम मंत्री, पद्मकुमार और अन्य द्वारा 'भगवान जैसा' बताने वाले एक वरिष्ठ नेता का नाम शामिल था।
सतीसन ने आगे कहा कि हाईकोर्ट की टिप्पणियों से स्पष्ट होता है कि सीपीआई (एम) नेताओं के जेल जाने का सिलसिला अब शुरू हो रहा है।
उन्होंने कहा कि दो प्रमुख सीपीआई (एम) पदाधिकारियों के पहले से न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद, पार्टी नेतृत्व का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया के पूरे होने तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। वे भगवान अयप्पा के सोने की चोरी में गिरफ्तार लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करने से इनकार कर रहे हैं। पार्टी को इस बात का भय है कि जेल में बंद लोग अगले क्या खुलासा कर सकते हैं।
सतीसन ने यह भी कहा कि अब यह स्पष्ट हो चुका है कि भगवान अयप्पा की द्वारपालक मूर्ति मंदिर परिसर से चुराई गई और एक करोड़पति को बेची गई। इसके बाद उसकी जगह एक नकली मूर्ति स्थापित की गई थी। मूर्ति और उससे जुड़े सोने के लेन-देन में करोड़ों रुपये की राशि शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीएमओ ने निर्देश दिया है कि पूर्व देवस्वम मंत्री कडाकम्पल्ली सुरेंद्रन से लोकसभा चुनाव के बाद तक पूछताछ न की जाए। कई पूर्व देवस्वम बोर्ड अध्यक्षों ने पहले ही उनका नाम लिया है। हमारे पास उन्नीकृष्णन पोट्टी के साथ उनके संबंधों के सबूत भी हैं। इसीलिए कोर्ट द्वारा बड़ी साजिश की जांच के निर्देश होने के बावजूद पूछताछ में देरी हो रही है।