क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर देशहित में चर्चा जरूरी है?

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क्या 'ऑपरेशन सिंदूर' पर देशहित में चर्चा जरूरी है?

सारांश

कांग्रेस नेता सचिन सांवत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उनका कहना है कि यह चर्चा देशहित में आवश्यक है, खासकर पहलगाम हमले के संदर्भ में। क्या यह सही समय है जब सरकार को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है?

Key Takeaways

  • ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा आवश्यक है।
  • सरकार को पारदर्शिता से जवाब देना चाहिए।
  • सुरक्षा मुद्दों पर सजग विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • समर्थन के साथ सवाल उठाना विपक्ष का अधिकार है।

मुंबई, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सचिन सांवत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि यह विषय संसद में चर्चा का हकदार है। उन्होंने बताया कि यह चर्चा देशहित में आवश्यक है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि देश पर हमला हुआ है। पहलगाम हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके बावजूद, भारत सरकार ने संसद में चर्चा कराने में इतनी देरी क्यों की, यह सबसे बड़ा सवाल है। जब पूरा विपक्ष सरकार के साथ था, तब पाकिस्तान को सबक सिखाने में क्यों पीछे हट गई?

सचिन सांवत ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा आवश्यक है, क्योंकि यह पाकिस्तान के द्वारा भारत पर किए गए आतंकी हमले का एक जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। सभी विपक्षी दलों ने सरकार का समर्थन किया था, लेकिन सवाल पूछने का अधिकार भी विपक्ष को है। इस मुद्दे पर देशहित में चर्चा आवश्यक है।

उन्होंने आगे कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा का होना आवश्यक है। लेकिन, प्रधानमंत्री ने अब तक कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया है। पहलगाम हमले से पहले आतंकियों का दो सौ किलोमीटर भीतर घुस आना, यह गंभीर सवाल खड़ा करता है। यदि पाकिस्तान के आतंकवादी मूर्ख थे, तो वे इतने अंदर तक कैसे आए? 26 लोगों की मौत के सौ दिन बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार को पारदर्शिता के साथ जवाब देना चाहिए।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हमें फिर से सोने की चिड़िया नहीं बनना, बल्कि हमें शेर बनना चाहिए। सचिन सांवत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केवल बयानों से हम 'शेर' नहीं बन सकते।

उन्होंने कहा कि यदि वास्तव में हिम्मत है, तो आरएसएस के लोगों को सेना में भेजा जाए और पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने के लिए कहा जाए। ऐसे बेतुके बयानों से वीरता नहीं सिद्ध होती, इसके लिए इंदिरा गांधी जैसी हिम्मत चाहिए थी, जिन्होंने पाकिस्तान के टुकड़ों को बांटा था। यदि आज ट्रंप जैसे नेता सीजफायर कहें और सरकार चुपचाप मान जाए, तो यह वीरता नहीं, कमजोरी है। सच्चा शौर्य साहस और निर्णय से आता है, सिर्फ शब्दों से नहीं।

Point of View

जो सुरक्षा और विपक्ष के अधिकारों का समर्थन करता है। एक सजग विपक्ष सरकार को जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस मुद्दे पर चर्चा आवश्यक है, ताकि देश की सुरक्षा और नीति में पारदर्शिता बनी रहे।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकी हमले के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया है।
इस चर्चा का महत्व क्या है?
यह चर्चा देश की सुरक्षा और विपक्ष के अधिकारों को समझने में मदद करती है।
सचिन सांवत ने इस पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह चर्चा देशहित में आवश्यक है और सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।