क्या साहिबगंज डॉल्फिन की सबसे पसंदीदा जगह बन गई है? गंगा में उपस्थिति का नया रिकॉर्ड!

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क्या साहिबगंज डॉल्फिन की सबसे पसंदीदा जगह बन गई है? गंगा में उपस्थिति का नया रिकॉर्ड!

सारांश

झारखंड के साहिबगंज में गंगा में डॉल्फिन की उपस्थिति का नया रिकॉर्ड बना है। प्रति किलोमीटर 2.88 डॉल्फिन की उपस्थिति ने साहिबगंज को देश में सबसे समृद्ध क्षेत्र बना दिया है। यह रिपोर्ट न केवल डॉल्फिन संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

Key Takeaways

  • साहिबगंज में प्रति किलोमीटर 2.88 डॉल्फिन की उपस्थिति का रिकॉर्ड।
  • गंगा की डॉल्फिन को राष्ट्रीय जल जीव का दर्जा।
  • पर्यावरण की गुणवत्ता का प्रमाण।
  • डॉल्फिन पर्यटन को बढ़ावा देने का अवसर।
  • जल जीवों की विविधता को प्रोत्साहन।

साहिबगंज, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के साहिबगंज में गंगा की लहरें डॉल्फ़िन के लिए अत्यधिक प्रिय बन गई हैं। देशभर में किसी भी नदी खंड में डॉल्फ़िन की सबसे अधिक उपस्थिति दर साहिबगंज में दर्ज की गई है।

यहां गंगा के 89 किलोमीटर लंबे खंड में प्रति किलोमीटर औसतन 2.88 डॉल्फिन देखी गईं, जो राष्ट्रीय स्तर पर अब तक का सबसे ऊँचा आंकड़ा है। साहिबगंज के वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग ने बताया कि जून 2025 के पहले सप्ताह में भारत सरकार के वन्यप्राणी संस्थान द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह आंकड़ा सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट झारखंड में जल जीवों की विविधता को बढ़ाने में सहायक है।

गंगा की डॉल्फिन को भारत के राष्ट्रीय जल जीव का दर्जा प्राप्त है और यह वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है, जिससे इसे सर्वोच्च विधिक संरक्षण प्राप्त है। साहिबगंज क्षेत्र में डॉल्फिन की इतनी अधिक उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि यहां की जल गुणवत्ता और पारिस्थितिकी इस विशिष्ट जल जीव के लिए अनुकूल है। यह जलक्षेत्र डॉल्फिन के संरक्षण, आवास और प्रजनन के लिए बेहद सहायक साबित हो रहा है।

मार्च 2025 में जारी राष्ट्रीय स्तर की रिपोर्ट में भी यह जानकारी आई थी कि प्रति किलोमीटर डॉल्फिन उपस्थिति के लिहाज से झारखंड का गंगा खंड देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र है। अब जून के इस ताजा सर्वेक्षण ने इसे और मजबूत किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिपोर्ट न केवल डॉल्फिन संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यदि नदियों की स्वच्छता और पारिस्थितिकी को बनाए रखा जाए, तो जैव विविधता किस प्रकार समृद्ध होती है।

डॉल्फिन की अधिकतम उपस्थिति साहिबगंज को पर्यटन की दृष्टि से एक नई पहचान दिला सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इस जल जीव की अठखेलियां देखने के लिए पर्यटक यहां आएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि यदि नदियों की स्वच्छता और पारिस्थितिकी को बनाए रखा जाए, तो जैव विविधता कैसे समृद्ध हो सकती है। साहिबगंज का यह उदाहरण दर्शाता है कि पर्यावरण की सुरक्षा से हम आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित कर सकते हैं।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

साहिबगंज में डॉल्फिन की उपस्थिति का क्या महत्व है?
साहिबगंज में डॉल्फिन की उपस्थिति जल जीवों की विविधता को दर्शाती है और पर्यावरण की गुणवत्ता को साबित करती है।
डॉल्फिन को भारत में किस प्रकार का संरक्षण प्राप्त है?
डॉल्फिन को भारत के राष्ट्रीय जल जीव का दर्जा प्राप्त है और यह वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है।
क्या साहिबगंज में डॉल्फिन देखने के लिए पर्यटक आकर्षित होंगे?
हां, डॉल्फिन की उपस्थिति साहिबगंज को पर्यटन के लिए एक नई पहचान दे सकती है।