क्या साहिबजादों के बलिदान से नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए वीर बाल दिवस मनाना सही है?: गजेंद्र सिंह शेखावत

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क्या साहिबजादों के बलिदान से नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए वीर बाल दिवस मनाना सही है?: गजेंद्र सिंह शेखावत

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने साहिबजादों के बलिदान की महत्ता को मान्यता देते हुए शहादत दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलने की आशा है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस पर अपने विचार साझा किए।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का साहिबजादों के बलिदान को मान्यता देना।
  • गजेंद्र सिंह शेखावत का बलिदान दिवस के महत्व पर जोर।
  • नई पीढ़ी को प्रेरणा देने के उपाय।
  • साहिबजादों का बलिदान भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
  • देश भर में कार्यक्रमों का आयोजन।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबजादों के बलिदान को सम्मानित करने हेतु शहादत दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा, "भारत के इतिहास में अनेक महान व्यक्तित्वों ने अपनी साहस, वीरता और बलिदान से अगली पीढ़ियों को उनके कार्यों पर गर्व करने और उनसे प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया है। हम भी इस देश के सच्चे वारिस हैं और उन महान व्यक्तियों के वंशज हैं। हमें उन पर गर्व होना चाहिए।"

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान को मान्यता देने और आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरित करने के उद्देश्य से बलिदान दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। आज देश भर में हजारों स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे लोग प्रेरित हो सकें।

गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगे कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं ने इस देश में अपार साहस और बलिदान किया है। साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए अपने धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए, यहां तक कि 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों ने भी बलिदान दिया।

उन्होंने कहा कि 'वीर बाल दिवस' का नाम बदलकर 'साहिबजादे शहादत दिवस' रखने की बात की गई है, लेकिन उनका कहना है कि नाम बदलने से बेहतर है कि हम उनके चरित्र और पराक्रम से प्रेरणा लें। नाम बदलने की राजनीति नहीं होनी चाहिए। मैं अपने हिस्से से उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

लोकसभा में ई-सिगरेट पीने के मामले पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत में सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीना अपराध है और एक जिम्मेदार सांसद को ऐसा नहीं करना चाहिए।

Point of View

जो भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बलिदान को मान्यता देना और नई पीढ़ी को इससे प्रेरित करना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह राष्ट्रीय एकता और गर्व का प्रतीक है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

वीर बाल दिवस कब मनाया जाता है?
वीर बाल दिवस हर वर्ष 12 दिसंबर को मनाया जाता है।
गजेंद्र सिंह शेखावत कौन हैं?
गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री हैं।
साहिबजादों ने किसके लिए बलिदान दिया?
साहिबजादों ने धर्म की रक्षा के लिए बलिदान दिया।
क्या यह दिवस नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत होगा?
हाँ, इस दिवस के माध्यम से नई पीढ़ी को साहस और बलिदान की प्रेरणा मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी का इस विषय पर क्या कहना है?
प्रधानमंत्री मोदी ने साहिबजादों के बलिदान की महत्ता को मान्यता दी है।
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