क्या टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करना स्वागत योग्य कदम है?: संजय निरुपम

सारांश
Key Takeaways
- टीआरएफ को अमेरिका द्वारा आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।
- संजय निरुपम ने इस कदम का स्वागत किया है, लेकिन स्थायी समाधान की आवश्यकता जताई।
- पाकिस्तान से टीआरएफ जैसे संगठनों का उदय चिंता का विषय है।
- रॉबर्ट वाड्रा पर भूमि घोटाले के आरोप गंभीर हैं।
- महाराष्ट्र विधान भवन में हुई घटना ने राजनीतिक परंपरा को प्रभावित किया है।
मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका ने पाकिस्तान से संचालित आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी है। अमेरिका के इस निर्णय का शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम प्रशंसनीय है, लेकिन केवल इस कदम से समस्या का समाधान नहीं होगा।
उन्होंने पाकिस्तान से सवाल उठाते हुए कहा कि टीआरएफ जैसे संगठनों का उदय उसके देश में कैसे हुआ, जबकि वह आतंकवाद से अपने संबंधों को नकारता है। पाकिस्तान हमेशा यह दावा करता है कि उसका आतंकवाद से कोई नाता नहीं, लेकिन अब उसे यह बताना चाहिए कि टीआरएफ जैसे संगठन का निर्माण वहां कैसे हुआ। केवल ब्लैकलिस्ट करने से बात नहीं बनेगी, अमेरिका को भी पाकिस्तान से सवाल पूछने चाहिए और इस संगठन के प्रायोजकों, संस्थापकों और संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
संजय निरुपम ने कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पर संवैधानिक संस्थाओं के प्रति अविश्वास का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान का हवाला देती है, लेकिन चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाकर वह अपनी ही बातों का खंडन करती है।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग संविधान का हिस्सा है और उसकी स्वायत्तता संविधान में स्पष्ट है। फिर भी राहुल गांधी और कांग्रेस जिस तरह आयोग पर सवाल उठाते हैं, उससे लगता है कि वे संवैधानिक व्यवस्था को नहीं मानते। वे खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं, जो लोकतंत्र के लिए बहुत ही खतरनाक है। लोकतंत्र में चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया के तहत होते हैं और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।"
संजय निरुपम ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साले रॉबर्ट वाड्रा पर हरियाणा में ज़मीन घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान कांग्रेस हाईकमान के दबाव में वाड्रा को ज़मीन दी गई, जिसके आधार पर उन्होंने कारोबार स्थापित किया। जो सही होता है, उसे डरने की जरूरत नहीं। गलत करने वाला ही सच्चाई छिपाने का प्रयास करता है। जांच एजेंसियां अपना कार्य कर रही हैं और सत्य जल्द सामने आएगा। रॉबर्ट वाड्रा को जांच एजेंसियों पर आरोप लगाने के बजाय अपने कार्यों का उत्तर देना चाहिए।
महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में विधायकों के कार्यकर्ताओं के बीच की मारपीट और गाली-गलौज की घटना को निरुपम ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा के खिलाफ है और इसे इतिहास में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा।
संजय निरुपम ने इस घटना के लिए एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा भाजपा विधायक पर लगाए गए आरोपों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "जनप्रतिनिधियों को अपने आचरण का ध्यान रखना चाहिए। जनता उनसे आदर्श व्यवहार की अपेक्षा करती है। मैं सभी नेताओं से संयम बरतने और आरोप-प्रत्यारोप से पहले सोच-समझकर बोलने की अपील करता हूँ।