क्या नेपाल में हुई हिंसा पर संजय राउत के बयान से भारत में तनाव बढ़ सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम का आरोप है कि संजय राउत का बयान भारत में हिंसा भड़काने का प्रयास है।
- उन्होंने वर्सोवा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
- राजनीतिक बयानों का उद्देश्य जनता को जोड़ना होना चाहिए।
मुंबई, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने संजय राउत पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में हुई हिंसा के बाद, संजय राउत ने लगातार ट्वीट और बयान दिए हैं, जो स्पष्ट करते हैं कि उनकी मंशा भारत में भी हिंसा भड़काने की है, जैसा कि वहां हुआ था। निरुपम ने राउत के खिलाफ वर्सोवा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैंने संजय राउत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। नेपाल में हिंसा के बाद, उनके ट्वीट और बयानों से स्पष्ट होता है कि वह भारत में भी वैसी ही स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान की किताब लेकर चलते हैं और उसकी रक्षा की बात करते हैं, उनसे सवाल है कि क्या वे हिंसा भड़काकर संविधान की रक्षा करेंगे। ये लोग अपनी हार के कारण बौखलाए हुए हैं और नेपाल और बांग्लादेश में हुई हिंसा से प्रेरित होकर भारत में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं। सरकार को इन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
संजय निरुपम ने यह भी कहा कि सरकार की आलोचना करना विरोध नहीं है, लेकिन जनभावनाओं को भड़काना गलत है। लोकतंत्र के तहत विरोध का स्वागत है, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता।
उन्होंने तेजस्वी यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि नेपाल की सीमा बिहार से जुड़ी है। यह एक प्रकार की धमकी थी। मैं बिहार के युवाओं से अपील करता हूं कि वे ऐसे भड़काऊ प्रयासों का समर्थन न करें।