क्या संजय सिंह को दिमाग का इलाज करवाना चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- संजय सिंह का विवादास्पद बयान धार्मिक भावनाओं को भड़का रहा है।
- अयोध्या के संतों ने सख्त प्रतिक्रिया दी है।
- संतों ने प्रधानमंत्री से कानून बनाने की मांग की है।
- इस मामले में राजनीति और धर्म का घनिष्ठ संबंध है।
- संतों ने संजय सिंह को दिमाग का इलाज कराने की सलाह दी है।
अयोध्या, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा संसद में 'हराम में भी राम' के बयान ने एक नया विवाद खड़ा किया है। इस पर अयोध्या के साधू संतों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और सवाल उठाया है कि वे अन्य धर्मों पर टिप्पणी करने का साहस क्यों नहीं रखते?
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए अयोध्या के संत ने कहा कि संजय सिंह का यह बयान न केवल निंदनीय है, बल्कि यह शर्मनाक भी है। उनका मानना है कि ये लोग देश के लिए एक नासूर साबित हो रहे हैं और इनका इलाज आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि सनातनी को साधारण समझना एक बड़ी गलती है, क्योंकि सनातनी हर भाषा में जवाब देने में सक्षम हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वे दूसरे धर्मों पर टिप्पणी करने की हिम्मत क्यों नहीं करते? हमारे आराध्य पर बोलना तो सहन नहीं किया जाएगा। ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
संत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानून लागू किया जाए। जो भी सनातन धर्म के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए और उन्हें जेल में डालना चाहिए। उनका आरोप है कि ये लोग देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश कर रहे हैं।
एक अन्य संत ने कहा कि आम आदमी पार्टी की मानसिकता का असली चेहरा संजय सिंह के बयान से उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि संजय सिंह को अपने दिमाग का इलाज कराने की आवश्यकता है, और हम इसके लिए खर्च उठाने को तैयार हैं। यदि वे इस्लाम पर टिप्पणी करते, तो उनकी जीभ और गर्दन दोनों सुरक्षित नहीं रहते।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें सनातन के खिलाफ बोलने वालों को सबक सिखाने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे लोगों को कब तक बर्दाश्त किया जाएगा?