क्या संत निरंजन दास महाराज ने पीएम मोदी से की मुलाकात?
सारांश
Key Takeaways
- संत निरंजन दास जी महाराज ने पीएम मोदी से मुलाकात की।
- गुरु रविदास जी के 650वें गुरु पर्व का आयोजन 2027 में होगा।
- सचखंड डेरा बल्ला एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
- पीपल दास महाराज ने यहाँ धार्मिक गतिविधियों की शुरुआत की।
- यह मुलाकात सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में सचखंड डेरा बल्ला के प्रमुख संत निरंजन दास जी महाराज से मुलाकात की। यह संवाद प्रधानमंत्री के निवास स्थान पर आयोजित हुआ।
प्रधानमंत्री ने बखूबी संत निरंजन दास जी का स्वागत किया और उनके साथ आए अन्य व्यक्तियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
संत निरंजन दास जी ने गुरु रविदास जी के आने वाले गुरु पर्व का निमंत्रण प्रधानमंत्री को दिया। उन्होंने 2027 में पूरे देश में गुरु रविदास जी के 650वें गुरु पर्व को भव्य रूप से मनाने का आग्रह भी किया।
संत निरंजन दास जी का जन्म 6 जनवरी 1942 को जालंधर जिले के अलावलपुर के पास रामदासपुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम साधु राम और माता का नाम रुक्मणी था। उनके माता-पिता श्री 108 संत बाबा पीपल दास जी और श्री 108 संत सरवन दास जी के भक्त थे।
डेरा श्री 108 संत सरवन दास सचखंड बल्ला की स्थापना पंजाब के जालंधर जिले के बल्ला गांव में 1900 के दशक की शुरुआत में पीपल दास महाराज ने की थी। पीपल दास जी एक महान संत थे। उन्होंने अपने पांच साल के पुत्र सरवन दास के साथ बठिंडा के गिल पट्टी गांव से जालंधर जिले के बल्ला गांव की यात्रा की।
पत्नी के निधन के बाद पीपल दास जी महाराज अपने पांच साल के पुत्र के साथ बठिंडा जिले से जालंधर जिले के बल्ला गांव में पहुंचे। कहा जाता है कि बल्ला गांव में एक सूखा हुआ पीपल का पेड़ था, जिसे पीपल दास जी ने नियमित रूप से पानी देना शुरू किया। कुछ समय बाद वह पेड़ फिर से हरा-भरा हो गया।
पीपल दास महाराज ने गांववासियों को आसपास की भूमि दान करने के लिए प्रेरित किया और संगत ने कुछ भूमि को दान भी किया। इसके बाद संत सरवन दास महाराज ने वहीं तप आरंभ किया और आज यह स्थान सतगुरु रविदास महाराज के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। देश-विदेश से सतगुरु रविदास महाराज के करोड़ों अनुयायी इस डेरा से जुड़े हुए हैं।