क्या विधानसभा का सत्र छोटा है, सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए अपर्याप्त है? : सपा नेता संग्राम यादव

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क्या विधानसभा का सत्र छोटा है, सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए अपर्याप्त है? : सपा नेता संग्राम यादव

सारांश

सपा नेता संग्राम यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र की अवधि को छोटा बताया है। उन्होंने शिक्षा, बाढ़, और बिजली के मुद्दों पर चर्चा की कमी को लेकर चिंता जताई। क्या सरकार समस्याओं का सामना करने में नाकाम है?

Key Takeaways

  • सपा नेता संग्राम यादव ने विधानसभा सत्र को छोटा बताया।
  • शिक्षा और कानून व्यवस्था पर चर्चा की जरूरत है।
  • सरकार ने मुद्दों की अनदेखी की है।
  • जनता की समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
  • भाजपा सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए गए।

लखनऊ, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के विधायक संग्राम यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि को छोटा बताया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश इस देश का सबसे बड़ा राज्य है। ऐसी स्थिति में जितने दिन का विधानसभा सत्र बुलाया गया है, वो बहुत ही छोटा है। मुझे नहीं लगता कि इतने छोटे कालखंड में इन सभी विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हो पाएगी।

उन्होंने कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर विपक्ष चर्चा करना चाहता था, जिसमें बाढ़ और बिजली का निजीकरण जैसे मुद्दे शामिल हैं। विपक्ष इन सभी मुद्दों पर चर्चा चाहता है। जनता भी इनके साथ है। इन लोगों ने गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित किया है। सदन में भी सरकार ने प्रत्यक्ष तौर पर स्वीकार किया है कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के दाखिले में कमी आई है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? निश्चित तौर पर इसका जिम्मेदार भाजपा की प्रदेश सरकार है।

उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया है कि जब से भाजपा ने प्रदेश की कमान संभाली है, तब से इन लोगों ने आज तक किसी भी क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय काम नहीं किया है। शिक्षा की स्थिति बदहाल हो चुकी है। ऐसा करके ये लोग साजिशन गरीबों के बच्चों को तालीम से वंचित करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।

सपा नेता ने कहा कि भाजपा सरकार में प्रदेश की स्थिति ऐसी बन चुकी है कि शिक्षा पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा, जगह-जगह शराब की दुकानें खोली जा रही हैं। इन सभी मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई, इसलिए इन लोगों ने विजन डॉक्यूमेंट लाने का फैसला किया, ताकि प्रदेश की जनता का ध्यान अहम मुद्दों से भटकाया जाए। मौजूदा समय में स्थिति ऐसी हो चुकी है कि प्रदेश सरकार सच्चाई का सामना नहीं कर पा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रयागराज को वैश्विक मंच पर एक आकर्षण के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन, आज बाढ़ से पूरा प्रयागराज त्राहि-त्राहि कर रहा है। लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। प्रयागराज में बुनियादी ढांचा बनाने में भारी लूट हुई है। लोगों को ठगा गया है। लेकिन, सरकार ने इन सभी मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। इसके इतर ‘विजन डॉक्यूमेंट-2047’ को लाकर चर्चा को दूसरी दिशा में मोड़ने का प्रयास किया।

इसके अलावा, सपा नेता ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल हो चुकी है। आम लोगों का जीना दुश्वार हो चुका है। लोगों का कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठ चुका है और इसकी जिम्मेदार पूरी तरह से प्रदेश सरकार है। हमारे नेता अखिलेश यादव भी कई बार इस दिशा में सरकार का ध्यान आकृष्ट कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने इस दिशा में किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया।

Point of View

उत्तर प्रदेश की शिक्षा, कानून व्यवस्था, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की आवश्यकता है। यह आवश्यक है कि सरकार इन मुद्दों पर ध्यान दे और जनता की समस्याओं का समाधान करे।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

संग्राम यादव ने विधानसभा सत्र के बारे में क्या कहा?
संग्राम यादव ने कहा कि विधानसभा का सत्र बहुत छोटा है और इसमें सभी मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं है।
कौन से मुद्दे चर्चा के लिए महत्वपूर्ण हैं?
बाढ़, बिजली का निजीकरण, और शिक्षा के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं।
सरकार ने शिक्षा के मुद्दे पर क्या कहा?
सरकार ने स्वीकार किया है कि प्राथमिक विद्यालय में बच्चों के दाखिले में कमी आई है।