सरायकेला में क्रिटिकल केयर अस्पताल का उद्घाटन क्यों टला?

Key Takeaways
- अस्पताल का उद्घाटन कार्य में देरी हो रही है।
- डॉक्टरों की भारी कमी है।
- अस्पताल का उद्घाटन जनवरी 2025 में संभावित है।
- निर्माण में तकनीकी बाधाएं आ रही हैं।
- सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुटी है।
सरायकेला, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस): पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का सपना, सरायकेला जिले के संजय ग्राम में स्थित 100 बेड का क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल, अब तक उद्घाटन के लिए तैयार नहीं हो पाया है। इस अस्पताल का उद्घाटन जनवरी 2025 में निर्धारित था, लेकिन निर्माण कार्य में देरी और तकनीकी बाधाओं के चलते यह अभी तक चालू नहीं हो सका।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि भले ही करोड़ों की कीमत के आधुनिक उपकरण स्थापित कर दिए गए हों और भवन पूरी तरह तैयार हो, लेकिन सवाल यह है कि इतने बड़े अस्पताल में अनुभवी चिकित्सकों की कमी कैसे पूरी की जाएगी, जबकि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है।
वर्ष 2022 में आदिवासी कल्याण मंत्री रहते हुए चंपई सोरेन ने इस अस्पताल की योजना बनाई थी, ताकि सरायकेला जिले के निवासियों को गंभीर चिकित्सा सुविधाओं के लिए रांची या जमशेदपुर नहीं जाना पड़े।
निर्माण कार्य में देरी के बारे में अस्पताल निर्माण कंपनी के साइट इंचार्ज नवीन सिंह ने बताया कि समय पर ड्राइंग उपलब्ध न होने और बालू की कमी के कारण उद्घाटन की तारीख नहीं रखी जा सकी। उन्होंने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत उपकरण आ चुके हैं, और बाकी संबंधित कंपनियों द्वारा लाए जाएंगे। उनका दावा है कि एक से डेढ़ महीने के भीतर अस्पताल जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
जिले के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह ने भी स्वीकार किया कि अस्पताल का कार्य तय समय से पीछे चल रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी तक यह पूरा हो जाना चाहिए था। अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर काम पूरा कर अस्पताल का हैंडओवर किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान भवन को फिजिकली कंप्लीट पाया गया है और फिलहाल फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि बड़े उपकरण भी लगभग आ चुके हैं और सप्लाई की प्रक्रिया जारी है।
डॉक्टरों की कमी के सवाल पर उपायुक्त ने कहा कि इस पर टिप्पणी करना कठिन है कि सरकारी या निजी डॉक्टर यहाँ सेवा देंगे या नहीं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले में डॉक्टरों की कमी की जानकारी विभाग को भेज दी गई है और स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।