क्या सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है? विपक्ष से रचनात्मक सहयोग की अपील : एसपी सिंह बघेल

सारांश
Key Takeaways
- सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
- विपक्ष का रचनात्मक सहयोग आवश्यक है।
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
आगरा, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मानसून सत्र के प्रारंभ होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद में अनुपस्थिति को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के मुद्दे से बचने के लिए संसद में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया और विपक्ष पर पलटवार किया। राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बघेल ने कहा, "प्रधानमंत्री देश के एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने लोकसभा और राज्यसभा में सर्वाधिक उपस्थिति दर्ज की है। वह न केवल संसद में सक्रिय रहे हैं, बल्कि विभिन्न मुद्दों का उत्तर भी दिया है।"
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री इस समय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के हितों को सशक्त करने और राष्ट्रव्यापी मुद्दों पर वैश्विक समर्थन प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा पर थे। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष रचनात्मक सहयोग से भाग रहा है।
एसपी सिंह बघेल ने विपक्ष के आरोपों को बिना आधार के बताया और कहा कि पीएम मोदी की अनुपस्थिति का मतदाता सूची से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के मुद्दे पर विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, "पुनरीक्षण प्रक्रिया के माध्यम से बांग्लादेश और अन्य देशों से आए घुसपैठियों की पहचान हो रही है। विपक्ष का रवैया भारत के लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए खतरा है। क्या कोई भारतीय नागरिक पाकिस्तान, चीन या बांग्लादेश में जाकर वहां की मतदाता सूची में शामिल हो सकता है? भारत में करीब 50 लाख घुसपैठियों की पहचान की गई है, जिन्हें मतदान का अधिकार नहीं दिया जा सकता।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग केवल संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के तहत कार्य करता है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और संवैधानिक है। घुसपैठियों को मतदाता सूची से हटाना भारत की सुरक्षा और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है।