क्या सरकार ने वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है? अब ईडी के समन पर होगा क्यूआर कोड!
सारांश
Key Takeaways
- ईडी के समन अब क्यूआर कोड के साथ होंगे।
- धोखाधड़ी की रोकथाम के लिए यह कदम उठाया गया है।
- सत्यापन ईडी की वेबसाइट पर किया जा सकता है।
- सभी नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब ईडी के सभी समन पर क्यूआर कोड के साथ जारी किए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि समन असली है या नहीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि कई मामलों में जाली समन वास्तविक समनों के समान दिखाई देते हैं। इस वजह से, असली और नकली में अंतर करना कठिन हो सकता है। अब, ईडी सिस्टम जनरेटेड समन जारी करेगा, जिस पर क्यूआर कोड और यूनिक पासकोड होगा। इससे नागरिक आसानी से इन समनों की प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकेंगे।
बयान में कहा गया कि इन समनों की पुष्टि ईडी की वेबसाइट पर जाकर या क्यूआर को स्कैन करके की जा सकती है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि ईडी कभी भी डिजिटल और ऑनलाइन अरेस्ट नहीं करता है। इसलिए, नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और ऑनलाइन खुद को ईडी अधिकारी बताने वाले धोखेबाजों के जाल में न फंसें।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ जालसाज पुलिस, कस्टम, ईडी, सीबीआई और आरबीआई अधिकारियों के रूप में आम नागरिकों से धन ऐंठने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” का सहारा ले रहे हैं।
भारत के संविधान के सातवें शेड्यूल के अनुसार, ‘पुलिस’ और ‘पब्लिक ऑर्डर’ राज्य के विषय हैं। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश मुख्य रूप से अपनी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों के माध्यम से साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे अपराधों की रोकथाम, पहचान, जांच और मुकदमा चलाने के लिए जिम्मेदार हैं।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार अपनी लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों की क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करके इन प्रयासों का समर्थन कर रही है।
वित्तीय धोखाधड़ी को कम करने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने बुधवार को बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र की सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए '1600' नंबरिंग सीरीज अपनाने को अनिवार्य कर दिया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि ट्राई की पहल के तहत 1600 नंबर सीरीज दूरसंचार विभाग द्वारा बीएफएसआई क्षेत्र को आवंटित की गई है। इससे लोगों को वित्तीय संस्थाओं से सही और विश्वसनीय कॉल मिलेंगे।