क्या सरकारी बैंकों ने बीते 3 वित्त वर्षों में इक्विटी और बॉंड के जरिए 1.54 लाख करोड़ रुपए जुटाए?

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क्या सरकारी बैंकों ने बीते 3 वित्त वर्षों में इक्विटी और बॉंड के जरिए 1.54 लाख करोड़ रुपए जुटाए?

सारांश

सरकारी बैंकों ने पिछले तीन वित्त वर्षों में इक्विटी और बॉंड के माध्यम से 1,53,978 करोड़ रुपए जुटाए हैं। जानें कैसे उनकी वित्तीय स्थिति ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है।

Key Takeaways

  • सरकारी बैंकों ने 1,53,978 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
  • यह धनराशि ऋण वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
  • बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है।
  • कई छोटे बैंकों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है।
  • यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी बैंकों ने पिछले तीन वित्त वर्षों में इक्विटी और बॉंड के जरिए 1,53,978 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। यह जानकारी सरकार ने संसद को सोमवार को दी।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 के बीच सरकारी बैंकों ने इक्विटी और बॉंड के माध्यम से 1,53,978 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इनमें से 44,942 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2022-23 में, 57,380 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2023-24 में और 51,656 करोड़ रुपए वित्त वर्ष 2024-25 में जुटाए गए थे।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि बैंकों द्वारा पूंजी जुटाने का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें ऋण वृद्धि को समर्थन देने के लिए बैंकों की पूंजीगत आवश्यकताओं को पूरा करना, कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो के लिए रेगुलेटरी आवश्यकताओं को पूरा करना, पब्लिक शेयरहोल्डिंग में वृद्धि करके न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियमों का अनुपालन करना और बैंक की समग्र पूंजी स्थिति को मजबूत करना शामिल हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समय-समय पर अपनी पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाजार से पूंजी जुटाते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की मजबूत वित्तीय स्थिति ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है, जिससे वे बाजार से पूंजी जुटा पा रहे हैं।

वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) की पहली तिमाही के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा के लिए इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है।

समीक्षा बैठक में बैंकिंग क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा और शेष वित्त वर्ष के लिए संभावनाओं का आकलन किए जाने की संभावना है।

सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून अवधि) में रिकॉर्ड 44,218 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में सरकारी क्षेत्र के 12 बैंकों को संयुक्त रूप से 39,974 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।

सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हुए मुनाफे में सबसे अधिक 19,160 करोड़ रुपए या 43 प्रतिशत का योगदान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से दिया गया है।

इसके अलावा, कई छोटे सरकारी बैंकों ने शानदार प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में इंडियन ओवरसीज बैंक के मुनाफे में सालाना आधार पर 76 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है, जिससे अप्रैल-जून अवधि में बैंक का मुनाफा बढ़कर 1,111 करोड़ रुपए हो गया है। वहीं, पंजाब एंड सिंध बैंक का मुनाफा सालाना आधार पर 48 प्रतिशत बढ़कर 269 करोड़ रुपए हो गया है।

Point of View

सरकारी बैंकों द्वारा जुटाई गई पूंजी न केवल उनके विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास को भी दर्शाता है। यह निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और आर्थिक विकास में सहायक हो सकता है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

सरकारी बैंकों ने कितनी राशि जुटाई है?
सरकारी बैंकों ने पिछले तीन वित्त वर्षों में 1,53,978 करोड़ रुपए जुटाए हैं।
इस राशि का उपयोग कैसे किया जाएगा?
इस राशि का उपयोग ऋण वृद्धि, कैपिटल एडेक्वेसी रेशियो को पूरा करने और बैंक की पूंजी स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाएगा।
सरकारी बैंकों का मुनाफा क्या रहा है?
सरकारी बैंकों ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 44,218 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है।