क्या सतारा महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता है?
सारांश
Key Takeaways
- डॉ. संपदा मुंडे की आत्महत्या ने राज्य में हलचल पैदा की।
- नाना पटोले ने सीबीआई जांच की मांग की है।
- स्थानीय चिकित्सक संघों ने मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
- राज्य सरकार ने प्रारंभिक जांच शुरू की है।
- इस मामले में न्याय की आवश्यकता है।
मुंबई, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के सतारा जिले में महिला डॉक्टर संपदा मुंडे की आत्महत्या ने राज्य में व्यापक हलचल पैदा कर दी है। इस मामले पर अब राजनीति भी गरमाई हुई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान विधायक नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की है।
पटोले ने पत्र में कहा है कि यह घटना बेहद दुखद और हृदय विदारक है। उन्होंने लिखा कि डॉ. संपदा मुंडे एक समर्पित और परोपकारी चिकित्सक थीं, जिन्होंने अपने पेशे को ईमानदारी और मानवता के साथ निभाया। लेकिन, कार्यस्थल पर उन्हें मानसिक उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा, जिससे उन्होंने यह दुखद निर्णय लिया।
नाना पटोले ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि डॉक्टर की आत्महत्या के बाद उनके परिवार और स्थानीय चिकित्सक संघों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि उन्हें लंबे समय से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। इस कारण अब राज्य के स्वास्थ्यकर्मियों में आक्रोश फैल गया है। कई स्थानों पर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पटोले ने अपने पत्र में आगे लिखा कि राज्य सरकार ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है, लेकिन इस मामले में उच्च पदस्थ अधिकारियों की संभावित संलिप्तता को देखते हुए राज्य स्तर की जांच पर्याप्त नहीं होगी। केवल एक स्वतंत्र और पारदर्शी जांच एजेंसी सीबीआई ही सच्चाई को सामने ला सकती है।
कांग्रेस विधायक ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच के आदेश दिए जाएं ताकि डॉ. संपदा मुंडे को न्याय मिल सके।
फिलहाल, राज्य पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब सीबीआई जांच की मांग ने इस प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है।