क्या केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने विपक्ष पर तंज कसा, भारत कोई धर्मशाला नहीं है?
सारांश
Key Takeaways
- सतीश चंद्र दुबे ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- शीतकालीन सत्र में 13 विधेयक पेश होंगे।
- विपक्ष का ध्यान मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर है।
- कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड मामले में आरोप लगाए गए हैं।
- भारत को धर्मशाला के रूप में नहीं देखा जा सकता।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएएस)। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से प्रारंभ हो गया है। इस दौरान विपक्ष मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा करना चाहता है। वहीं, केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने स्पष्ट किया कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
सतीश चंद्र दुबे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "बिहार चुनाव में असफलता के बाद विपक्ष केवल मातम मना रहा है और सदन में शोर मचा कर देश के विकास को बाधित करना चाहता है। उनका उद्देश्य लोगों को भ्रमित करना है।"
पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है। वे वही कर रहे हैं जो उचित समझते हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि किसी को यह प्रमाण देने में क्या कठिनाई है कि वह कहाँ का निवासी है? जो जहां का निवासी है, उसे उसका प्रमाण देना चाहिए। हमारे देश में बहुत से लोग अवैध तरीके से आए हैं। जो लोग दस्तावेज नहीं दिखा पा रहे हैं, उन्हें देश से बाहर किया जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "अवैध प्रवासियों को वोट देने का अधिकार कैसे हो सकता है? आज वे वोट देंगे, कल हमारी संस्कृति और जीवनशैली पर प्रहार करेंगे। मेरे देश के नागरिक का हक, खाद्य और भूमि छीनेंगे। भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि जो आएगा वह यहाँ रह जाएगा। भारत में जो जन्मा है, जिसकी कर्मभूमि है, वही यहाँ रहेगा।"
सतीश चंद्र दुबे ने नेशनल हेराल्ड मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि बिहार में उन्हें छह सीटें मिली थीं। ऐसे में उन्हें किस बात का डर है? कांग्रेस ने जो गलत किया है, उसका नतीजा हमेशा बुरा होता है।
यह शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें कुल 15 बैठकें होंगी। सरकार इस सत्र में 13 विधेयक पेश करने के लिए तैयार है, जिनमें आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयक शामिल हैं।