क्या एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने रियासी की बेटियों को सशक्त बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को कौशल प्रदान करना
- आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना
- निःशुल्क प्रशिक्षण
- सामाजिक बदलाव
- महिला सशक्तिकरण
रियासी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इसी दिशा में, जम्मू-कश्मीर के रियासी में एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को सिलाई-बुनाई क्षेत्र में पेशेवर कौशल सिखाया जा रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक- ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) ने रियासी की युवतियों को सिलाई-बुनाई के क्षेत्र में कौशल प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक विशेष निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया है।
इस पहल की जानकारी देते हुए, एसबीआई आरएसईटीआई के निदेशक मनोज शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि हमारा उद्देश्य है कि रियासी की हर लड़की अपने सपनों को पूरा कर सके। यह प्रशिक्षण केवल एक पाठ्यक्रम नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में वर्तमान में 35 प्रतिभाशाली युवतियां भाग ले रही हैं। यह न केवल पूरी तरह से निःशुल्क है, बल्कि सभी प्रतिभागियों को निःशुल्क अध्ययन सामग्री, भोजन और आवास भी दिया जा रहा है।
यह कार्यक्रम विशेष रूप से उन लड़कियों के लिए तैयार किया गया है जो अपना सिलाई केंद्र खोलना चाहती हैं या प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करके आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहती हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रियासी की महिलाओं को कौशल-आधारित शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
इस प्रयास के माध्यम से एसबीआई आरएसईटीआई उन कई लड़कियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है जो पहले सीमित संसाधनों के कारण ऐसे अवसरों से वंचित थीं। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" जैसी राष्ट्रीय पहलों का भी समर्थन करता है।
प्रशिक्षण लेने आई महिला साक्षी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि पंजीकरण के बाद मेरा प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ है। प्रशिक्षक ने बताया कि हमें कोर्स में क्या सीखना है। यह एक महीने का कोर्स है। प्रशिक्षण के दौरान हमने बेबी फ्रॉक, पेटीकोट, साधारण कुर्ता और लहंगा जैसी कई कपड़ों की सिलाई कैसे करनी है, इसकी जानकारी प्राप्त की। प्रशिक्षण केंद्र में आने से पहले मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि घर में कमाने वाला एक होता है और खाने वाले कई होते हैं। ऐसे में सभी की आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पातीं। पीएम मोदी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। हम पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।
एक अन्य प्रशिक्षण के लिए आई युवती कोमल वर्मा ने कहा कि हमने यहां सिलाई की बुनियादी जानकारी से शुरुआत की है। मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने महिलाओं को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा। यहां प्रशिक्षण पूरी तरह से मुफ्त है।