क्या अनार का जूस सेहत के लिए संजीवनी से कम है? आयुर्वेद से जानें चमत्कारी फायदे

सारांश
Key Takeaways
- अनार का जूस सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है।
- गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी है।
- यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है।
- अनार का जूस कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 'एक अनार सौ बीमार' यह कहावत यूं ही प्रसिद्ध नहीं हुई है। अनार केवल एक फल नहीं है, बल्कि यह पूर्ण पोषण और औषधीय गुणों से परिपूर्ण एक प्राकृतिक वरदान है। इसके रस में वह शक्ति है जो शरीर को न केवल ताजगी प्रदान करती है, बल्कि गंभीर रोगों से लड़ने की क्षमता भी देती है।
अनार का जूस आयरन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, जो हीमोग्लोबिन बढ़ाकर एनीमिया की समस्या को दूर करता है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष लाभदायक है और मासिक धर्म की अनियमितता से ग्रसित महिलाओं को भी राहत पहुंचाता है। हृदय रोगियों के लिए अनार का रस किसी औषधि से कम नहीं है, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स (जैसे पॉलीफेनोल्स और टैनिन्स) न केवल खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं, बल्कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ावा देते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायता करता है और धमनियों को स्वस्थ बनाए रखता है।
अनार का रस रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए अत्यंत फायदेमंद है तथा वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। पाचन में सुधार के लिए भी यह सहायक है। यह कब्ज, गैस और अपच से राहत देता है और दस्त, पेचिश जैसी समस्याओं में भी कारगर होता है। अनार का जूस त्वचा के लिए भी बहुत लाभकारी है। यह झुर्रियों को कम करता है, मुंहासों से राहत देता है और त्वचा में निखार लाता है।
अनार का रस कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और विभिन्न शोधों के अनुसार, यह प्रोस्टेट और स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी सीमित मात्रा में यह उपयोगी हो सकता है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह स्मृति शक्ति बढ़ाता है, न्यूरॉन्स को सुरक्षा देता है और डिमेंशिया जैसी समस्याओं से बचाव करता है।
थकान, कमजोरी या बीमारी के बाद की रिकवरी में अनार का रस ऊर्जा प्रदान करता है और स्टेमिना बढ़ाता है। आयुर्वेद में इसे शीतल, रक्तवर्धक और हृदय हितकारी बताया गया है, जबकि यूनानी चिकित्सा इसे पाचन और कामेच्छा बढ़ाने वाला मानती है। इसका सेवन सुबह खाली पेट, बिना चीनी मिलाए ताजे फलों से तैयार रस के रूप में करना सर्वोत्तम होता है।