क्या सेना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल आवश्यक है?: सीडीएस अनिल चौहान
सारांश
Key Takeaways
- आधुनिक तकनीक का उपयोग सेना की रणनीति में सुधार करता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य की लड़ाइयों में मददगार है।
- रक्षा निर्माण में स्वदेशीकरण आवश्यक है।
- राज्य सरकारों का सक्रिय योगदान महत्वपूर्ण है।
- तकनीकी नवाचारों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
रांची, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करना आज की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष और साइबर युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत सरकार निरंतर जरूरी उपकरणों के विकास पर काम कर रही है।
रांची में आर्मी के ईस्टर्न कमांड द्वारा आयोजित ईस्ट टेक सिंपोजियम को संबोधित करते हुए जनरल चौहान ने कहा, “तेजी से विकसित होती तकनीक को ध्यान में रखते हुए हमें रक्षा निर्माण की नींव को मजबूत करना होगा। एआई और अन्य नवाचार भविष्य की लड़ाइयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
उन्होंने कहा कि किसी भी युद्ध में हथियारों का चयन रणनीतिक सोच के आधार पर होना चाहिए। इसके लिए समय और परिस्थितियों के अनुसार अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) को प्राथमिकता देनी होगी।
सीडीएस ने बताया कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में स्वदेशीकरण की प्रक्रिया भारत में देर से शुरू हुई है, लेकिन अब देश सही दिशा में ठोस कदम उठा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की एक्ट ईस्ट नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके लक्ष्यों को तभी पूरा किया जा सकेगा जब झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य सक्रिय सहयोग दें।
जनरल चौहान ने कहा, “युद्ध विज्ञान और कला दोनों हैं। वर्तमान समय में योद्धा को रचनात्मकता और नवाचार से संपन्न होना चाहिए।” उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित विशेषज्ञों और उद्यमियों से आग्रह किया कि वे तकनीकी नवाचार को प्राथमिकता दें, ताकि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।
रांची के खेलगांव परिसर में आरंभ हुए तीन दिवसीय ईस्ट टेक सिंपोजियम का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संयुक्त रूप से किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूरेनियम जैसे खनिजों से संपन्न झारखंड रक्षा क्षेत्र में, विशेषकर परमाणु क्षमता से जुड़े विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। सेना के ईस्टर्न कमांड द्वारा ईस्ट टेक सिंपोजियम का यह चौथा आयोजन है। पहला आयोजन 2022 में कोलकाता, दूसरा 2023 में गुवाहाटी और तीसरा 2024 में कोलकाता में हुआ था।