क्या राहुल गांधी को सेना पर बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का विवादित बयान भाजपा नेताओं के निशाने पर आया है।
- शाहनवाज हुसैन ने माफी मांगने की बात की है।
- भाजपा ने सेना पर राहुल गांधी के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है।
- ममता बनर्जी को एसआईआर के मुद्दे पर भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
- राहुल गांधी के बयान से राजनीतिक तनाव बढ़ा है।
पूर्णिया, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 6 नवंबर को पहले चरण की सीटों पर मतदान होना है। इस बीच, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सेना पर दिए एक बयान को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने उन पर निशाना साधा है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राहुल गांधी अपने बयान देने से पहले सोचते नहीं हैं। जिस प्रकार का बयान उन्होंने दिया है, उन्हें तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
वास्तव में, राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय सेना में देश की 10 फीसदी आबादी का नियंत्रण है और 90 प्रतिशत (दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक) प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। भाजपा ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।
राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि राहुल गांधी शहरी नक्सलियों जैसी बातें कर रहे हैं। यह कैसी भाषा है? यह कहना कि सेना पर किसी विशेष समुदाय का नियंत्रण है, अस्वीकार्य है। सेना के लोग जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करते हैं। जब भी कहीं आखिरी उम्मीद होती है, लोग सेना की ओर मुड़ते हैं। राहुल गांधी यह भी नहीं सोचते कि वह किस संस्था की बात कर रहे हैं। उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा नेता ने एसआईआर को लेकर ममता बनर्जी को निशाने पर लेते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर की घोषणा के बाद से ममता बनर्जी को काफी परेशानी हो रही है। उन्हें लग रहा है कि घुसपैठियों और विदेशी मतदाताओं को बहकाकर जो वोट बैंक उन्होंने बनाया था, वह अब उनका वोटर नहीं रहेगा।
वैध और प्रामाणिक मतदाता, जो सच्चे भारतीय हैं और भारत की धरती पर जन्मे हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। अगर बंगाल और अन्य राज्यों में ऐसा हो रहा है, तो यह ममता बनर्जी के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जब एसआईआर बिहार में हुआ तो विपक्षी दलों ने कितना हंगामा किया। राहुल गांधी तेजस्वी यादव के साथ बिहार में यात्रा निकालने लगे थे। बिहार में इस प्रक्रिया से कोई दिक्कत नहीं हुई, किसी वैध मतदाता ने शिकायत नहीं की कि उनका वोट काटा गया।
हुसैन ने दावा किया है कि 12 राज्यों में एसआईआर होने से ममता बनर्जी को दर्द होने लगा है, लेकिन यह देशहित में है।