क्या है शनिवारवाड़ा नमाज विवाद पर एआईएमआईएम नेता का बयान- 'घोटाले से ध्यान भटकाने की साजिश'?

सारांश
Key Takeaways
- शनिवारवाड़ा का इतिहास पेशवाओं और शिवाजी महाराज से जुड़ा है।
- नमाज विवाद को घोटाले से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया गया है।
- महिलाओं ने केवल दो मिनट की नमाज पढ़ी, जो कोई अपराध नहीं है।
- समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।
- पुलिस पर आरोप लगाया गया कि उसने दबाव में कार्रवाई की है।
पुणे, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे के शनिवारवाड़ा में नमाज को लेकर उठे विवाद पर एआईएमआईएम के राज्य अध्यक्ष और सांसद इम्तियाज जलील ने भाजपा पर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि पुणे में एक प्रमुख नेता पर 300 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला चल रहा है, और इस विवाद के जरिए ध्यान भटकाने का प्रयास किया गया है।
एआईएमआईएम के नेता इम्तियाज जलील ने आरोप लगाया कि पुणे की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने जानबूझकर इस विवाद को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया कि शनिवारवाड़ा में स्थित दरगाह बहुत पुरानी है, और 60 साल से अधिक उम्र के लोग इसकी ऐतिहासिकता को मान्यता देते हैं।
इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि समाज को उन महिलाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने केवल दो मिनट के लिए नमाज अदा की। “यदि बुर्कादुर्भाग्यपूर्ण है।
इम्तियाज जलील ने आगे कहा कि शनिवारवाड़ा का इतिहास पेशवाओं और छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़ा है, और शिवाजी महाराज को कभी भी मुसलमानों से कोई आपत्ति नहीं थी, तो आज के ये लोग कौन हैं जो समाज में नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं?
उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा में एक दरगाह कई वर्षों से है। अचानक इस प्रकार का हल्ला मचाना बिल्कुल गलत है। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि महिलाओं ने केवल दो मिनट नमाज पढ़ी, जो कि कोई गलत कार्य नहीं है। पुलिस ने भी दबाव में आकर उन महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की, जो कि एक शर्मनाक बात है। एआईएमआईएम ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का मुसलमानों से कोई बैर नहीं था। अब कुछ लोग उनका नाम लेकर मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं।