क्या नींद की कमी शरीर को सर्वाइवल मोड में डाल देती है?
सारांश
Key Takeaways
- नींद की कमी से स्ट्रेस और वजन बढ़ता है।
- कम नींद से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।
- 7-8 घंटे की नींद आवश्यक है।
- आयुर्वेदिक उपाय नींद में सुधार कर सकते हैं।
- योग और प्राणायाम से नींद में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सही नींद सचमुच सौ रोगों का इलाज है, लेकिन यदि नींद पूरी नहीं हो तो यही कमी दिल, दिमाग और पूरे शरीर को बीमार बना सकती है। कम नींद केवल थकान नहीं लाती, बल्कि यह स्ट्रेस और वजन बढ़ाने का कारण बनती है, पाचन की समस्या उत्पन्न करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है।
सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बताया कि नींद की कमी शरीर को सर्वाइवल मोड में डाल देती है, जहाँ बायोलॉजी खुद ही नियंत्रण ले लेती है। उन्होंने कहा कि शरीर किसी कैलेंडर या व्यस्तता का इंतज़ार नहीं करता। जब नींद कम होती है, तो शरीर स्ट्रेस सर्वाइवल मोड में चला जाता है, जहां बायोलॉजी खुद ही नियंत्रण में आ जाती है। कम नींद के कारण दिमाग माइक्रो-स्लीप लेने लगता है, जिसमें आंखें खुली रहते हुए 3-15 सेकंड के छोटे झपकी आती हैं, जो सुरक्षा के लिए होती है। एक रात की कम नींद से कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) 37 प्रतिशत बढ़ जाता है, जिससे पेट की चर्बी, भूख, चिंता और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है।
इससे पाचन भी प्रभावित होता है। आंतों में ब्लड फ्लो कम होने के कारण गैस्ट्रिक मोटिलिटी 40 प्रतिशत तक घट जाती है और आंतें लीक होने लगती हैं। कम नींद से फैट बर्न 55 प्रतिशत तक कम हो जाता है। भावनात्मक रूप से भी असर पड़ता है। भावनाएं 60 प्रतिशत तेज हो जाती हैं, क्योंकि लॉजिक वाला दिमागी हिस्सा कमजोर पड़ जाता है। सबसे चिंताजनक बात इम्यून सिस्टम की है, क्योंकि एक रात की अधूरी नींद से नेचुरल किलर सेल्स की ताकत 50 प्रतिशत तक गिर जाती है।
पूजा ने कई वैज्ञानिक अध्ययन का उल्लेख किया और कहा कि नींद शरीर का मेंटेनेंस टाइम है। इसे नजरअंदाज करने पर बायोलॉजी खुद निर्णय ले लेती है। उन्होंने सलाह दी कि आराम खुद चुनें, वरना शरीर जबरन ले लेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि 7-8 घंटे की नींद स्वास्थ्य की कुंजी है।
वहीं, आयुर्वेद के अनुसार नींद की कमी मुख्य रूप से वात और पित्त दोष के असंतुलन के कारण होती है। इसे दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाय अपनाएं। रात को सोने से पहले गर्म दूध में चुटकीभर जायफल या हल्दी मिलाकर पिएं। यह मन को शांत करता है और गहरी नींद लाने में मदद करता है। अश्वगंधा, ब्राह्मी या जटामांसी का चूर्ण दूध के साथ लें, जो तनाव कम करने में सहायक होता है। पैरों के तलवों पर तिल के तेल से मालिश करें।
एक नियमित दिनचर्या बनाएं, समय पर सोएं और उठें, शाम को हल्का भोजन लें, और स्क्रीन से दूर रहें। शिरोधारा या अभ्यंग जैसे उपचार भी लाभकारी होते हैं। योगासन और प्राणायाम करें। इनसे दोष संतुलित होते हैं और स्वाभाविक नींद वापस आती है।