क्या शरजील इमाम और उमर खालिद के भड़काऊ भाषण ने तैयार किया आतंकी ब्रिगेड?

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क्या शरजील इमाम और उमर खालिद के भड़काऊ भाषण ने तैयार किया आतंकी ब्रिगेड?

सारांश

दिल्ली के हालिया विस्फोट में डॉक्टरों का नाम सामने आते ही, विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने शरजील इमाम और उमर खालिद के भड़काऊ भाषणों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या ये भाषण आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं? जानिए इस विवाद के सभी पहलू।

Key Takeaways

  • शरजील इमाम और उमर खालिद के भाषणों ने एक आतंकी ब्रिगेड का निर्माण किया है।
  • ये भाषण आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय को इस पर विचार करना चाहिए।
  • समाज में सामाजिक सद्भाव को बनाए रखना आवश्यक है।
  • भाषणों के चलते युवाओं में असंतोष बढ़ सकता है।

नई दिल्ली, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद जब डॉक्टरों के नाम सामने आए, तब विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि शरजील इमाम और उमर खालिद वे जहरीले सांप हैं, जिन्होंने न केवल जवाहरलाल नेहरू जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का नाम खराब किया, बल्कि भड़काऊ भाषण देकर एक आतंकी ब्रिगेड तैयार कर दी है।

विनोद बंसल ने यह भी कहा कि डॉक्टरों, इंजीनियरों और प्रोफेशनल मुस्लिमों का एक जिहादी गैंग बन गया है। ये लोग मरने और मारने के लिए तैयार हैं, और इसके पीछे शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे खतरनाक लोग हैं। शरजील इमाम का एक वीडियो सर्वोच्च न्यायालय के सामने पेश किया गया था, जो अत्यंत खतरनाक था।

उस वीडियो में यह स्पष्ट रूप से कहा गया कि न केवल चिकन नेक को काटने की बात की गई, बल्कि देश की न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका पर भी प्रहार करने की बात की गई है। वीडियो में यह भी कहा गया कि देश के 500 शहरों में चक्का जाम किया जाए और शाहीन बाग जैसा माहौल बनाया जाए। पूर्वी दिल्ली में जिस तरह से हमले किए गए थे, उसके लिए इन लोगों को तैयारी करने के लिए कहा गया है।

विनोद बंसल ने कहा कि ये ऐसे आतंकी हैं, जो बाहर रहकर खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को इनके बारे में विचार करना चाहिए और हमारी एजेंसियों को भी यह देखना होगा कि डॉ. उमर जैसे आतंकियों का निर्माण कैसे हुआ।

उन्होंने यह भी कहा कि असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में झूठा आरोप लगाया कि अखलाक के परिवार के पास गौमांस नहीं मिला था। मथुरा एफएसएल की रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बताया गया कि वह गौमांस ही था। फिर भी झूठ बोलकर हिंदुओं के प्रति वैमनस्य फैलाने की कोशिश की गई है।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि 2015 में दादरी में अखलाक पर गौमांस का झूठा आरोप लगाकर उसकी लिंचिंग कर दी गई थी। तब भारतीयों को लिंचिंग का अर्थ भी नहीं पता था। आज लिंचिंग सामान्य बात हो गई है। अखलाक के परिवार ने उसकी लिंचिंग अपनी आंखों से देखी थी और वे आज तक उस सदमे से उबर नहीं पाए हैं।

ओवैसी ने यह भी कहा कि अब योगी आदित्यनाथ ने फैसला लिया है कि अखलाक के कातिलों के खिलाफ केस वापस ले लिया जाएगा। सरकार के अनुसार यह फैसला सामाजिक सद्भाव के हित में है। नाइंसाफी की बुनियाद पर सद्भाव नामुमकिन है। योगी बाबा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन भाजपा का असली चेहरा यही है कि वह हमेशा मुजरिमों के साथ खड़ी रहेगी।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम ऐसे मामलों को गंभीरता से लें। शरजील इमाम और उमर खालिद जैसे व्यक्तियों का भड़काऊ भाषण समाज में अस्थिरता पैदा कर सकता है। हमें इन मुद्दों पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या शरजील इमाम और उमर खालिद का भाषण अवैध है?
यदि भाषण भड़काऊ हो और हिंसा को भड़काने का प्रयास करे तो यह अवैध हो सकता है।
क्या यह भाषण आतंकवाद को बढ़ावा देता है?
हाँ, यदि इसके चलते युवा आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं।
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