क्या संजय निरुपम ने केजरीवाल की ‘आम आदमी’ छवि पर गंभीर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम ने केजरीवाल की छवि पर सवाल उठाए हैं।
- मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- बिहार के मतदाता अब विकास को प्राथमिकता देंगे।
मुंबई, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कई राजनीतिक मुद्दों पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना, और बिहार विधानसभा चुनाव शामिल हैं।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए निरुपम ने कहा कि जब आम आदमी पार्टी आंदोलन के समय में थी, तब केजरीवाल और उनकी टीम ने यह वादा किया था कि वे कभी सरकारी आवास नहीं लेंगे और जनता की सेवा अपने घर से करेंगे। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। पार्टी की हार और सत्ता से बाहर होने के बाद, केजरीवाल ने सरकारी आवास की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया। निरुपम ने कहा, “यह वही नेता हैं जो कभी सिद्धांतों और सादगी की बात करते थे, लेकिन अब सत्ता से बाहर होते ही सरकारी सुविधाओं का सहारा ले रहे हैं। यह आम आदमी पार्टी के पतन की सबसे बड़ी निशानी है। इनकी कथनी और करनी का अंतर अब पूरे देश और दिल्ली की जनता देख रही है।”
दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल के उस बयान पर भी संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें भुजबल ने कहा था कि ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ से अन्य सरकारी योजनाओं पर असर पड़ रहा है। इस पर निरुपम ने कहा कि यह योजना राज्य की महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह योजना पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। इससे करीब ढाई करोड़ माताओं और बहनों को हर महीने आर्थिक सहायता मिलती है। यह केवल वित्तीय मदद नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान और स्वावलंबन को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।” निरुपम ने यह भी कहा कि शिवसेना इस योजना की निरंतरता और सफलता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बिहार की राजनीति पर प्रतिक्रिया देते हुए निरुपम ने लालू प्रसाद यादव के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर तंज कसा। लालू ने अपने पोस्ट में लिखा था, “छह और ग्यारह एनडीए नौ दो ग्यारह।” इस पर निरुपम ने पलटवार करते हुए कहा, “यह सही है कि चुनाव छह और 11 नवंबर को होंगे, लेकिन नौ दो ग्यारह एनडीए नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन को होना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाता अब अतीत की गलतियों को नहीं दोहराएंगे। लालू यादव के शासनकाल में बिहार अपहरण उद्योग, भ्रष्टाचार और बदहाल कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता था, लेकिन नीतीश कुमार के नेतृत्व में पिछले दो दशकों में बिहार में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बिजली, सड़क, सिंचाई, रोजगार और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि हालिया राष्ट्र प्रेस-मैटराइज सर्वे में एनडीए को मिली बढ़त यह साबित करती है कि बिहार की जनता अब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास को प्राथमिकता दे रही है। निरुपम ने कहा कि किसानों की समस्याओं के समाधान, महिला शिक्षा, जीविका समूहों की आर्थिक मजबूती और बुनियादी ढांचे में सुधार ने जनता का भरोसा बढ़ाया है। उन्होंने अपील की, “पटना मेट्रो और राजगीर क्रिकेट स्टेडियम जैसे प्रोजेक्ट बिहार के विकास के प्रतीक हैं। मतदाता दुष्प्रचार से बचें और विकास के सिलसिले को बनाए रखने के लिए एनडीए की डबल इंजन सरकार को फिर से समर्थन दें।”