क्या शिवसेना (यूबीटी) सांसदों ने नशीले पदार्थों की बढ़ती आपूर्ति पर सरकार को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- नशीले पदार्थों की बढ़ती आपूर्ति गंभीर चिंता का विषय है।
- केंद्र सरकार को तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
- ड्रग माफिया को राजनीतिक संरक्षण का आरोप।
- महाराष्ट्र में हालिया घटनाएँ चिंताजनक हैं।
- युवाओं का भविष्य खतरे में है।
मुंबई, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में नशीले पदार्थों की बढ़ती आपूर्ति और ड्रग मामलों में निरंतर वृद्धि को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के सांसदों ने केंद्र सरकार पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख नेता और सांसद अनिल देसाई, प्रियंका चतुर्वेदी और अरविंद सावंत ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है।
इस पत्र पर तीनों सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
सांसदों ने पत्र में उल्लेख किया कि देश में, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, नशीले पदार्थों की खुलेआम उपलब्धता युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली कानून व्यवस्था एजेंसियां 'ड्रग-फ्री समाज' बनाने में असफल रही हैं। सांसदों का कहना है कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह संगठित ड्रग माफिया को मिलने वाला राजनीतिक संरक्षण हो सकता है।
सांसदों ने महाराष्ट्र में हाल ही में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए चिंता व्यक्त की है। कुछ दिन पहले मुंबई पुलिस ने घोड़बंदर रोड पर छापा मारकर एमडी ड्रग्स जब्त की और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पुणे के विशाल मोरे को गिरफ्तार किया। इसके बाद जांच आगे बढ़ी और सतारा जिले के सवाड़ी गांव के दूरदराज इलाके में बने दो शेड पर छापा मारा गया। यहां से करीब 45 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी कीमत लगभग 2145 करोड़ रुपए आंकी गई। इस कार्रवाई में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई।
सांसदों ने मामले को और गंभीर बताते हुए कहा कि यह शेड एक रिजॉर्ट 'तेज यश' से मात्र 1,200 मीटर की दूरी पर स्थित है। इतना ही नहीं, रिजॉर्ट से सीधे शेड तक जाने के लिए एक सड़क भी बनाई गई है, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि यह रिजॉर्ट कोयना डैम के बेहद पास स्थित है, जबकि नियमों के अनुसार बड़े जलाशयों के पास निर्माण की अनुमति नहीं होती। ऐसे में संबंधित अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आती है।
सांसदों ने सवाल उठाया कि आखिर रिजॉर्ट से ड्रग्स के शेड तक सड़क क्यों बनाई गई? क्या सतारा पुलिस को इतने बड़े ड्रग रैकेट की जानकारी नहीं थी और अगर थी तो क्या राजनीतिक दबाव में कार्रवाई नहीं की गई?
निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करते हुए शिवसेना (यूबीटी) सांसदों ने कहा कि नशे का बढ़ता खतरा देश की युवा पीढ़ी के लिए गंभीर संकट है और इस पर तुरंत निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई जरूरी है।