क्या श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस श्रद्धांजलि के लायक है?
सारांश
Key Takeaways
- श्री गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान मानवता के लिए एक प्रेरणा है।
- कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों को याद किया।
- उनके बलिदान का महत्व आज भी बरकरार है।
- *एकता* और *मानवता* के मूल्यों को आगे बढ़ाना आवश्यक है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज *श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी* के ३५०वें शहीदी दिवस पर कांग्रेस के प्रमुख नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। *'हिंद की चादर'* कहे जाने वाले नौवें सिख गुरु के बलिदान और मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए उनके अद्वितीय त्याग को याद करते हुए नेताओं ने अपने विचार साझा किए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष *मल्लिकार्जुन खड़गे* ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हार और जीत आपकी सोच पर निर्भर करती है, मान लें तो हार, ठान लें तो जीत। *मानवीय मूल्यों, समानता और सिद्धांतों की रक्षा हेतु* अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सिख धर्म के नौवें गुरु, *'हिंद की चादर'* धन-धन *श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी* के ३५०वें शहीदी दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।"
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद *राहुल गांधी* ने कहा, "सिख धर्म के नौंवें गुरु, *'हिंद की चादर'* *श्री गुरु तेग बहादुर* की शहीदी दिवस पर उन्हें सादर नमन। उनके आदर्श, मूल्य, त्याग और बलिदान मानवता के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे।"
कांग्रेस सांसद *प्रियंका गांधी* ने लिखा, "सिख धर्म के नौवें गुरु *श्री तेग बहादुर जी* के शहीदी दिवस पर उन्हें सादर नमन। गुरु तेग बहादुर जी ने *धर्म, मानवता, सेवा, त्याग, प्रेम और एकता* का प्रकाश फैलाकर विश्व को रास्ता दिखाया। उनके सबक सदैव हम सबका मार्गदर्शन करेंगे।"
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, "हम *गुरु तेग बहादुर जी* को उनके शहीदी दिवस पर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं। आजादी और इंसानियत के लिए उनका सबसे बड़ा बलिदान और उनकी हमेशा रहने वाली शिक्षाएं हमारे लाखों सिख भाइयों और बहनों और कई और लोगों के लिए एक रास्ता दिखाती हैं। आइए, अन्याय के खिलाफ़ खड़े होने और *एकता* और *इंसानियत के मूल्यों* को बनाए रखने के लिए उनके नक्शेकदम पर चलें।"
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री *कमलनाथ* ने एक्स पोस्ट में लिखा, "सिख धर्म के नौवें गुरु *तेग बहादुर जी* के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि। उनका बलिदान सदा *सत्य की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर* करने की प्रेरणा देता रहेगा। शत शत नमन।"