क्या सिंगरौली में आरईई मिलने से भारत की चीन पर निर्भरता खत्म होगी? : मोहन यादव

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क्या सिंगरौली में आरईई मिलने से भारत की चीन पर निर्भरता खत्म होगी? : मोहन यादव

सारांश

सिंगरौली में रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार भारत के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। यह खोज चीन पर निर्भरता खत्म कर आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानिए कैसे यह खोज देश के औद्योगिक विकास को प्रभावित करेगी।

Key Takeaways

  • सिंगरौली में रेयर अर्थ एलिमेंट्स का भंडार मिला है।
  • भारत की चीन पर निर्भरता खत्म होगी।
  • भारत आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ेगा।
  • यह खोज औद्योगिक विकास को नई रफ्तार देगी।
  • सरकार बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में जुटी है।

भोपाल, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में रेयर अर्थ एलिमेंट्स (आरईई) का विशाल भंडार मिला है, जो भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे अब भारत की चीन जैसे देशों पर निर्भरता समाप्त होगी।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब क्रिटिकल मिनरल्स का हब बनेगा। यह प्रदेश ऊर्जा राजधानी के साथ-साथ क्रिटिकल मिनरल्स की राजधानी भी कहलाएगा। इसके साथ ही भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक अग्रणी देश बनेगा। सिंगरौली में मिले रेयर अर्थ एलिमेंट्स से भारत की चीन पर निर्भरता समाप्त होगी। भारत में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में इन दुर्लभ तत्वों का पता चला है। यह उपलब्धि भारत को ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

उन्होंने आगे कहा कि रेयर अर्थ एलिमेंट्स को आधुनिक तकनीक का आधार माना जाता है। अब तक भारत इन खनिजों के लिए चीन और अन्य देशों पर निर्भर रहा है। सिंगरौली की यह खोज भारत को आयात-निर्भरता से मुक्त कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाएगी। भविष्य में यह खोज आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देने के साथ ही औद्योगिक विकास की नई रफ्तार देगी।

कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा किए गए शोध में सिंगरौली की कोयला खदानों और चट्टानों में आरईईएस (जैसे स्कैंडियम, यिट्रियम आदि) की आशाजनक सांद्रता पाई गई है। कोयले में इनकी औसत मात्रा 250 पीपीएम और गैर-कोयला स्तर पर लगभग 400 पीपीएम आंकी गई है। जुलाई 2025 में इस खोज की आधिकारिक घोषणा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में कोयले की राख और ओवरबर्डन भी क्रिटिकल मिनरल्स का सेकंडरी स्रोत बन सकते हैं।

मुख्यमंत्री के अनुसार रेयर अर्थ एलिमेंट्स की खोज को देखते हुए राज्य सरकार अब इनके प्रसंस्करण और शोध-अन्वेषण के लिए बेसिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में जुटी है। हाल ही में खनिज संसाधन विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (आईआरईएल) की भोपाल इकाई का दौरा किया और संभावित सहयोग पर चर्चा की। विभाग रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के संभावनाएं तलाश रहा है, जो अनुसंधान, प्रशिक्षण और उद्योग को विश्वस्तरीय आधार प्रदान करेगा।

बताया गया है कि रेयर अर्थ एलिमेंट्स प्राकृतिक रूप से कई खनिज संरचनाओं में पाए जाते हैं। इनमें बास्टनेसाइट, जेनोटाइम, लोपेराइट और मोनाजाइट प्रमुख हैं। भारत के तटीय क्षेत्रों की रेत और अपक्षयित ग्रेनाइट मिट्टी भी इन तत्वों से समृद्ध मानी जाती है।

Point of View

बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भी उसे मजबूती प्रदान करेगी। इसके साथ ही यह औद्योगिक विकास में नई संभावनाएं खोलेगी।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

रेयर अर्थ एलिमेंट्स क्या हैं?
रेयर अर्थ एलिमेंट्स ऐसे खनिज होते हैं जो आधुनिक तकनीक के लिए आवश्यक हैं और जिनकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
सिंगरौली में मिले आरईई का क्या महत्व है?
सिंगरौली में मिले आरईई भारत को आयात पर निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
भारत को इन खनिजों की आवश्यकता क्यों है?
ये खनिज ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा तकनीक के लिए आवश्यक हैं।